झिरन्या। अखिल भारतीय चैतन्य साधक परिवार तहसील झिरन्या की मासिक भक्ति सभा ग्राम खामखेड़ा में संपन्न हुई।इस अवसर पर गायत्री परिवार से आदरणीय श्री प्रताप जी बर्डे द्वारा आदिवासियों की रीति रिवाज परंपरा के विषय में बताया गया। बलि प्रथा दहेज प्रथा आदि को रोका जाए एवं प्रत्येक गांव नशा मुक्त हो एवं शिक्षा के ऊपर विशेष ध्यान दिया जाए। युवाओं को चाहिए की वे अपने नैतिक मूल्यों को समझें पश्चिमी सभ्यता का अनुसरण ना करें,अपने सनातन पहचान को यथावत रखें, आदिवासियों की संस्कृति रीति रिवाज परंपरा, वाद्य यंत्र विलुप्त होते जा रहे हैं उन पर ध्यान दिया जाए, अश्लील गाने बनाने वालों के ऊपर ध्यान दें और कोई भी कार्यक्रम हो शादी विवाह में ऐसे अश्लील गानों के ऊपर रोक लगाया जाए।
कुछ तथाकथित संगठन आदिवासियों को गुमराह कर रहे हैं वे बता रहे हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं है और भोले भाले आदिवासी उनके चंगुल में फंस जाते हैं।ऐसा करके वे सामाजिक समरसता को धूमिल कर रहे है। वसुदेव कुटुंबकम के भाव वाले हमारे सुंदर भारतीय संस्कृति सनातन परंपरा को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे संगठनों और समाज के ठेकेदारों को मुंहतोड़ जवाब देने की हम सबकी जिम्मेदारी है।
श्री शबरी धाम आश्रम अंबा से राम चैतन्य महाराज जी ने आश्रम की गतिविधि के ऊपर बताया तथा महाराष्ट्र में होने वाले समरसता कुंभ के बारे में सभी को जानकारी दी।
वृंदावन धाम पाल आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन संत श्री लक्ष्मण चैतन्य बापू जी द्वारा संचालित यह भक्ति सभा कार्यक्रम हर माह की 5 तारीख को झिरन्या तहसील मे होती है। भक्ति सभा कार्यक्रम में प्रातकाल कलश यात्रा उसके पश्चात सत्संग प्रवचन एवं भजन संकीर्तन किया गया तथा सभी को प्रसादी वितरण की गई।
इस कार्यक्रम में आसपास के गांव से गायत्री परिवार, राधा स्वामी, शिव पंथ एवं चैतन्य परिवार के साधक बंधु सम्मिलित हुए।