सुदर्शन टुडे ज़िला ब्यूरो चीफ रिमशा खान
सिरोंज। जैन तीर्थ क्षेत्र सम्मेद षिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के बाद जैन समाज में भारी आक्रोष है। इसी को लेकर रविवार को जैन समाज के लोगों द्वारा मशाल जुलूस रैली निकाली गई। इस मशाल जुलूस रैली में सैकड़ों की संख्या में जैन समाज की महिलाए,बच्चे सहित बुजुर्ग एकत्रित हुए और हाथों में मशाल लेकर नारेबाजी करते हुए नगर के मुख्य मार्गाे से होते हुए रैली निकाली गई। वही विषाल मषाल रैली नगर के कष्टम पथ से प्रांरभ हुई जों कि नगर के मुख्य मार्ग कठाली बाजार,सराफा बाजार,चांदनी चौक,कोट गेंट,पुराना बस स्टेण्ड,नगर पलिका,हाजीपुर,बासौदा नाका,लिंक रोड,छत्री नाका से होतें हुए कठाली बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर पहुचकर रैली का समापन हुआ। जहां सभी वरिष्ठ जनों ने अपने उदबोधन में तीर्थ क्षेत्र को बचाने के लिए संकल्प लिए। वही जैन समाज के वरिष्ठ राकेष जैन भौरिया ने कहा कि यदि हमारा तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन स्थल समाप्त नही किया गया तों आगें भी हम उग्रआंदोलन करेगें। वही अपने तीर्थ क्षेत्र की रक्षा के लिए हमें अपने प्राण भी देना पडें तो हमें देगें। वही समाज के युवा वर्ग ने नगर के चौक चौराहों पर नुक्कड सभा आयोजित कर झारखंड सरकार के खिलाफ नारे बाजी कर विरोंध प्रदर्षन किया।
मषाल जुलुस में युवाओं में दिखा जोष – जैन समाज के वरिष्ठ युवा समाज सेवी अभि जैन ने कहा कि मार्च 2018 में झारखंड की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा सम्मेद षिखर तीर्थस्थल को प्राकृतिक पर्यटन क्षेत्र घोषित करने हेतु केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। जिस पर केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पारसनाथ हिल को 2 अगस्त 2019 के गजट में इकों सेसिटिव जोन के साथ इकों दूरिज्म केन्द्र भी घोषित किया गया। वही अभि जैन ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस का नाम लेकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। इस पूरे निर्णय में तत्कालीन झारखंड की भाजपा सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार दोषी है। 23 जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री हेंमत सोरेन द्वारा टूरिज्म पॉलिसी लांच की गई जिसमें पारसनाथ हिल पर भी पर्यटन की चर्चा और योजना थी। इसके बाद जैन समाज ने इसकों संज्ञान में लेकर इसका पूरे देष में विरोध शुरू कर दिया।