जिला ब्यूरो चीफ रामेशवर लक्षणे
बैतूल। हर काम बडा नहीं होता है व्यक्ति यदि ईमानदारी एवं कर्मठता के साथ अपना काम करें तो समाज भी आपके कार्यो का लोहा मानता है। बस एकाग्रता व लगन से मेहनत करने की आवश्यकता होती है और बड़े से बड़ा कार्य भी सरल हो जाता है। ऐसा ही वाकया गौठाना स्कूल में पदस्थ शिक्षक मदनलाल डढोरे के द्वारा अपने वेतन से 51 हजार रूपए की राशि खर्च कर अपने स्कूल को सुंदर बनाकर दिया है। शिक्षक श्री डढोरे ने बताया कि विगत दो वर्षो से कोविड के कारण स्कूल की मरम्मत और पुताई नहीं होने से पढ़ाई के लिए अच्छा वातावरण निर्मित नहीं हो पा रहा था। लगातार अवकाश के दिनों में भी स्कूल की पुताई, मरम्मत, पेंटिंग के साथ-साथ स्कूल की दीवारों पर ज्यामिति आकृतियों एवं गणितीय सूत्र उकेरे गए। जिससे स्कूल परिसर सुंदर लगने लगा। छात्र छात्राओं में गणित के प्रति भय को हटाकर गणित की कठिन अवधारणाओं को सरल तरीके से सीख सके। गणितीय सामान्य ज्ञान उकेरने से बच्चों को विषय की संक्रियाओं के प्रति विशेष रूचि दिख रही है। जिससे सीखने सिखाने की पृकिया सरल हो जाती है । इस अवसर पर संकुल प्राचार्य जीबी पाटनकर व जनशिक्षक नेमीचंद मालवीय ने स्कूल की सुंदरता को देखते हुए कहा कि मरम्मत व पुताई व ज्यामितीय आकृतियो से शाला का वातावरण शिक्षा के और अनुकूल हो गया है। शिक्षक के इस सराहनीय कार्य के लिए प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए जनप्रतिनिधियों एवं छात्र-छात्राओं ने स्वागत करते हुए स्कूल व समाज के लिए नई प्रेरणादायी पहल बताकर अन्य शिक्षकों के लिए अनुकर्णीय बताया।