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स्थानीय एसडीएम के ज्ञापन स्थल पर न पहुंचने से जन समुदाय हुआ आक्रोशित
गंजबासौदा (नितीश श्रीवास्तव) // पूरे भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शन के साथ शिखरजी बचाओ आंदोलन का शंखनाद सकल जैन समाज गंजबासौदा के नेतृत्व में आयोजित किया गया। जिसमें बहुत बड़ी संख्या में महिला पुरुष एवं बच्चे शामिल हुए। नगर की ऐतिहासिक जनचेतना एवं प्रतिकार रैली में अपार जनसमूह बांह में काली पट्टी बांधकर हाथो नारे लिखी तख्तियां लेकर नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए तहसील प्रांगण पहुंचा।
तीर्थ बचाओ- धर्म बचाओ के नारों से पूरा तहसील प्रांगण गूंज उठा। काफी देर तक नारेबाजी होती रही। जैन समाज की प्रमुख मांग थी कि पारसनाथ पर्वतराज जोकि गिरिडीह जिला झारखंड राज्य के अंतर्गत आता है, को वन्य जीव अभ्यारण एवं पर्यटन क्षेत्र घोषित न करके धार्मिक क्षेत्र घोषित किया जाए।
पर्यटन क्षेत्र घोषित होने से पवित्र तीर्थ क्षेत्र पर शराब एवं मांस की बिक्री प्रारंभ हो जाएगी और अनैतिक गतिविधियां संचालित होने लगेगी।
जैन समाज ने केंद्र एवं राज्य सरकार से मांग की है कि उक्त तीर्थ स्थल पर मांस एवं मदिरा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो।
पारसनाथ पर्वत की वंदना मार्ग से अतिक्रमण एवं वाहन संचालन प्रतिबंधित किया जावे।
पर्वतराज शिखरजी की वंदना मार्ग पर सीसीटीवी कैमरें एवं पुलिस चेकपोस्ट चौकी स्थापित की जाए ताकि किसी भी प्रकार असामाजिक एवं अनैतिक गतिविधि संचालित ना हो सकें।
पर्वत पर हो रही पेड़ों की अवैध कटाई एवं अवैध खनन को रोका जावे
एवं जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ श्रद्धा के सबसे बड़े केंद्र श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान एवं पवित्रता नष्ट करने वाले झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 2795 दिनांक 2 अगस्त 2019 को अभिलंब रद्द की जावे।
विज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गंजबासौदा के द्वारा माननीय राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड सरकार, एवं शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन भोपाल के नाम सौंपा गया।
शांतिपूर्ण एवं मौन जुलूस रैली का आह्वान सकल जैन समाज गंजबासोदा के द्वारा किया गया था जोकि शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन स्थल तक पहुंची। स्थानीय एसडीएम रोशन राय को ज्ञापन के संदर्भ में दूरभाष के माध्यम से एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से पूर्व में सूचना प्रदान की गई थी लेकिन समय पर एसडीएम महोदय ज्ञापन स्थल पर नहीं पहुंचे। जिससे उपस्थित जनसमुदाय आक्रोशित हो गया। बड़ी संख्या में जैन समाज की महिला पुरुष एवं बच्चे नगर के प्रमुख चौराहा जय स्तंभ चौक पर पहुंच गए और स्थानीय एसडीएम रोशन राय के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जन समुदाय के भारी आक्रोश को देखते हुए नगर के प्रमुख चौराहे पर जाम की स्थिति बन गई। नगर की शांति व्यवस्था को बिगड़ता देख स्थानीय प्रशासन की सूचना पर एसडीएम रोशन राय आनन-फानन में जय स्तंभ चौक पहुंचे और आक्रोशित जन समुदाय के बीच उपस्थित होकर ज्ञापन लिया। जैन समाज का कहना है कि एसडीएम महोदय पूर्व सूचना के आधार पर अगर समय पर ज्ञापन स्थल पर उपस्थित हो जाते तो जन समुदाय के आक्रोश का सामना ना करना पड़ता और आयोजन भी शांतिपूर्ण संपन्न हो जाता। क्योंकि शांतिप्रिय एवं अहिंसक जैन समाज ने शांतिपूर्ण एवं मौन जुलूस का आह्वान किया था।