Sudarshan Today
तेंदूखेड़ामध्य प्रदेश

अंततः शासकीय रास्ते से हटाया गया अतिक्रमण

 

तेंदूखेडा  एक तरफ जहाँ शिवराज सरकार आदिवासियों के उत्थान की दिशा में नित नई नई घोषणायें कर आदिवासी वर्ग को साधने में लगी हुई है, वहीं दूसरी तरफ चांवरपाठा विकास खंड के अन्तर्गत आने वाले ग्राम मदनपुर ग्राम पंचायत के ग्राम खेरुआ के सैकड़ों  आदिवासी सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण के कारण   परेशान बने हुए थे , महज दो सौ फिट शासकीय रास्ते पर अतिक्रमण के चलते यहाँ पर निवास करने वाले आदिवासियों को निकलने में परेशानी के साथ साथ ना तो यहाँ से निकल पा रहे हैं और ना ही अपने बाहन यहाँ से निकल पा रहे थे  यहाँ तक की पीड़ित आदिवासियों  का कहना है  कि अपने खेतों से कृषि उपज लाने ले जाने में परेशान होना पडता है,रास्ते पर अतिक्रमण  परेशानी के चलते खेत में ही कृषि उपज काटकर वहीं से व्यापारी को बेचना मजबूरी बना हुआ था , यह समस्या कोई आज की समस्या नहीं है काफी लंबे समय से  यह समस्या बनीं हुई थी , स्थिति यहाँ तक बनीं हुई थी कि, आदिवासियों की संतानों की  शादी विवाह करने के लिए इस अतिक्रमण के कारण संकीर्णता के साथ काम करना पडता था  एक ही परिवार की आपस की फूट के कारण  एक बड़ा आदिवासी समुदाय परेशान था , इस रास्ते को खोलने के लिए अनेकों जतन किये गए लेकिन राजनैतिक दांवपेंच के  चलते  रास्ते का अतिक्रमण हटाने को संबंधित तैयार नहीं थे, यहाँ के सजग आदिवासी  अशोक कुमार ठाकुर  के द्वारा अपनी समाज के प्रतिनिधिमण्डल के साथ जब पूरी स्थिति क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अमले को जानकारी देते हुए बताया कि  महज दो सौ फीट रास्ता ना खुल पाने के कारण यहाँ के लोगों को पांच किलोमीटर चक्कर लगाकर जाना आना पड़ता है, खेरुआ से टपरियों गाँव जाने के लिए पहले मदनपुर आना पडता है, फिर टपरियों के लिए जाना पडता है, यदि यह अतिक्रमण हटा दिया जाता है तो खेरुआ के लोगों को अपनी कृषि उपज घर तक लाने ले जाने में सुविधा के साथ बाहन निकलने के लिए सुविधा फिर टपरियों गाँव तक मात्र एक किलोमीटर तक का रास्ता तय करना पडेगा, इस विषय को तहसील दार तेंदूखेडा  द्वारा मौके पर राजस्व अमले को भेजकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया,तथा वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराते हुए आवश्यक मार्गदर्शन लेते हुए एक टीम गठित कर सोमवार को खेरुआ पहुँच कर अतिक्रमण उखाड़ फेंका, इतना ही नहीं बल्कि शासकीय रास्ते को चिन्हित कर चूना डाल कर ग्रामीणों को निकलने के लिए आजाद करा दी,अतिक्रमण हटते ही आदिवासियों ने राजस्व एवं उन जनप्रतिनिधियों  का धन्यवाद  ज्ञापित किया है जिन्होंने वर्षों से काविज इस रास्ते को खुलवाने में सहयोग किया,*अंततः शासकीय रास्ते से हटाया गया अतिक्रमण*
*तहसीलदार ने राजस्व अमले को भेज की कार्यवाही*
*आदिवासियों को निकलने में होगी सुविधा*
तेंदूखेडा एक तरफ जहाँ शिवराज सरकार आदिवासियों के उत्थान की दिशा में नित नई नई घोषणायें कर आदिवासी वर्ग को साधने में लगी हुई है, वहीं दूसरी तरफ चांवरपाठा विकास खंड के अन्तर्गत आने वाले ग्राम मदनपुर ग्राम पंचायत के ग्राम खेरुआ के सैकड़ों आदिवासी सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण के कारण परेशान बने हुए थे , महज दो सौ फिट शासकीय रास्ते पर अतिक्रमण के चलते यहाँ पर निवास करने वाले आदिवासियों को निकलने में परेशानी के साथ साथ ना तो यहाँ से निकल पा रहे हैं और ना ही अपने बाहन यहाँ से निकल पा रहे थे यहाँ तक की पीड़ित आदिवासियों का कहना है कि अपने खेतों से कृषि उपज लाने ले जाने में परेशान होना पडता है,रास्ते पर अतिक्रमण परेशानी के चलते खेत में ही कृषि उपज काटकर वहीं से व्यापारी को बेचना मजबूरी बना हुआ था , यह समस्या कोई आज की समस्या नहीं है काफी लंबे समय से यह समस्या बनीं हुई थी , स्थिति यहाँ तक बनीं हुई थी कि, आदिवासियों की संतानों की शादी विवाह करने के लिए इस अतिक्रमण के कारण संकीर्णता के साथ काम करना पडता था एक ही परिवार की आपस की फूट के कारण एक बड़ा आदिवासी समुदाय परेशान था , इस रास्ते को खोलने के लिए अनेकों जतन किये गए लेकिन राजनैतिक दांवपेंच के चलते रास्ते का अतिक्रमण हटाने को संबंधित तैयार नहीं थे, यहाँ के सजग आदिवासी अशोक कुमार ठाकुर के द्वारा अपनी समाज के प्रतिनिधिमण्डल के साथ जब पूरी स्थिति क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अमले को जानकारी देते हुए बताया कि महज दो सौ फीट रास्ता ना खुल पाने के कारण यहाँ के लोगों को पांच किलोमीटर चक्कर लगाकर जाना आना पड़ता है, खेरुआ से टपरियों गाँव जाने के लिए पहले मदनपुर आना पडता है, फिर टपरियों के लिए जाना पडता है, यदि यह अतिक्रमण हटा दिया जाता है तो खेरुआ के लोगों को अपनी कृषि उपज घर तक लाने ले जाने में सुविधा के साथ बाहन निकलने के लिए सुविधा फिर टपरियों गाँव तक मात्र एक किलोमीटर तक का रास्ता तय करना पडेगा, इस विषय को तहसील दार तेंदूखेडा द्वारा मौके पर राजस्व अमले को भेजकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया,तथा वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराते हुए आवश्यक मार्गदर्शन लेते हुए एक टीम गठित कर सोमवार को खेरुआ पहुँच कर अतिक्रमण उखाड़ फेंका, इतना ही नहीं बल्कि शासकीय रास्ते को चिन्हित कर चूना डाल कर ग्रामीणों को निकलने के लिए आजाद करा दी,अतिक्रमण हटते ही आदिवासियों ने राजस्व एवं उन जनप्रतिनिधियों का धन्यवाद ज्ञापित किया है जिन्होंने वर्षों से काविज इस रास्ते को खुलवाने में सहयोग किया,

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