रायसेन।स्कूलों के हालात सुधारने के लिए जिला शिक्षा विभाग विशेष अभियान चला रहा है।ताकि उनकी सूरत और तस्वीर बदली जा सके।
अकादमिक गतिविधि: जिसमें स्कूल खुलने व बंद होने का समय, प्रार्थना, पुस्तकालय, टीचिंग लर्निंग मटेरियल, शैक्षणिक नवाचार, मासिक मूल्यांकन सहित दो-दो अंक के 10 बिंदुओं पर जांच होगी।
शैक्षणिक स्तर: निम्न शैक्षणिक स्तर पर 1 से 3 अंक, औसत पर 4 से 6 अंक, अच्छा स्तर मिलने पर सात से आठ अंक और बहुत अच्छा शैक्षणिक स्तर मिला तो 9 से 10 अंक प्रदान किए जाएंगे।
छात्रों की उपस्थिति: छात्र उपस्थिति पर 10 अंक निर्धारित है। 50 फीसदी उपस्थिति पर 4 अंक, 70 फीसदी पर 6 अंक, 90 फीसदी उपस्थिति पर 8 अंक और 100 फीसदी उपस्थिति पर 10 अंक देंगे।
मध्या्हं भोजन: स्कूल में मध्या्हं भोजन की पांच बिंदुओं पर जांच होगी, जिसमें मीनू अनुसार, गुणवत्तापूर्ण, पर्याप्तता, नियमित व साफ-सफाई देखेंगे, प्रत्येक बिंदु के दो अंक निर्धारित हैं।
फॉर्मेट: 80 अंक के फॉर्मेट से स्कूल की प्रत्येक स्थिति के अंक मिलने पर रैंकिंग तय होगी, इससे स्कूलों में मौजूद कमियां सामने आएंगी और प्रशासन उनका सुधार करा सकेगा।
जिला प्रशासन अब जिले के सभी शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता स्तर और विद्यालय संचालन की हकीकत जाचेगा। इसके लिए टीम पहुंचकर 80 अंक के फॉर्मेट से स्कूलों की जांच करेगी, फिर दूसरी टीम क्रॉस चैक करेगी व कमियां चिह्नित करेगी। जांच में जो स्कूल निम्न स्तर के पाए जाएंगे, उन्हें सुधार के लिए अधिकारियों को गोद दिया जाएगा। ताकि सरकारी स्कूलों की कमियों को सुधारा जा सके।
कलेक्टर अरविंद दुबे डीपीसी जीएस उपाध्याय के निर्देश पर जिले में स्कूल सुधार अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए रायसेन एसडीएम एलके खरे ने विकासखंड के सभी प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की जांच के लिए टीम बनाई हैं। शैक्षणिक गुणवत्ता सप्ताह के रूप में यह अभियान एक नवंबर से शुरू होगा और पूरे सप्ताह चलेगा। इसमें स्कूलों की जांच के लिए सीएसी, बीएसी व सीआरसी की ड्यूटी लगाई गई है, साथ ही अन्य विभागों के कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। खास बात यह है कि जांच के लिए पहुंचने वाली टीम को स्कूल के फोटो भी ग्रुप पर भेजना होंगे।
स्कूल में शैक्षणिक स्तर व संचालन की स्थिति 80 अंक के फॉर्मेट से जांची जाएगी। इसमें अकादमिक गतिविधियां, शाला अभिलेख, खेल सामग्री, छात्रों का शैक्षणिक स्तर, मध्यांह् भोजन की स्थिति, विद्यालय अधोसंरचना व छात्र उपस्थिति की 35 बिंदुओं पर जांच होगी। वहीं खेल सामग्री के 10 अंक दिए जाएंगे। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि मध्यान्ह भोजन मीनू अनुसार, गुणवत्तापूर्ण, पर्याप्त, नियमित मिलता है या नहीं, साथ ही मध्यान्ह भोजन साफ-सफाई की स्थिति भी देखी जाएगी।