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दीपावली के मौके पर 70-80 वर्ष के बुजुर्गों ने जमकर चलाई लाठी जिस देश के बुजुर्गों में है इतना दम वह देश नही है किसी से कम-एम.एस.मेवाड़ा

 

 

सुदर्शन टुडे संवाददाता दिनेश तिवारी सीहोर

 

सीहोर। सीहोर जिले के ग्रामीण किसानों ने दीपावली के शुभ अवसर पर गोवर्धन पूजा पड़वा के दिन ग्राम कुलांसकलाँ के कमलेश पप्पू पटेल जनपद सदस्य एवं किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा के नेतृत्व में अनोखे डांडिया नृत्य का आयोजन रखा गया। इस अवसर पर जनपद सदस्य कमलेश पप्पू पटेल बताया कि हमारे ग्राम कुलासकलाँ, चंदेरी, सेमलिया के सैकड़ों किसानों ने मिलकर अनोखे तरीके से डांडिया नृत्य किया एवं दीपावली का मिलन समारोह गोवर्धन पूजा के साथ 70 वर्ष के दुर्गा प्रसाद मेवाड़ा एवं 70 वर्ष के ही मंद्रूप सिंह किसान द्वारा एक अनोखे तरीके से लाठी घुमाते  हुए बढ़े बुजुर्गों की लड़ाई का मनमोहक प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर गांव के पटेल देवकरण मेवाड़ा जिनकी उम्र 65 वर्ष एवं शिवचरण मेवाड़ा जिनकी उम्र 72 वर्ष द्वारा भी अनोखे और अलग-अलग वेशभुषा में अलग अलग-अलग अंदाज में लाठी-बाजी का प्रदर्शन किया गया एवं डांडिया नृत्य में उपस्थित सभी  बुजुर्ग किसानों ने दीपावली के पड़वा के दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर ग्राम सेवनिया, चंदेरी, कुलाकलाँ के सैकड़ों किसानों ने मिलकर अनोखे तरीके से दिवाली का उत्सव मनाया गया, जो कभी कभार देखने को मिलता है। हमारे देश में ऐसा अनोखा रंग अनोखे अंदाज में दीपावली का मिलन समारोह रखना एक गौरव की बात है। पुराने सांस्कृतिक कार्यक्रम जो ग्रामीणजन बुजुर्ग पूर्वज किसान रखा करते थे। कई वर्षों पूर्व ऐसे आयोजन देखने को मिलते थे।  दीपावली के पड़वा के दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गाय-भैंसों को रंगा जाता था और पाड़ा की लड़ाई की जाती थी। परन्तु पशुओं के संरक्षण को देखते हुए प्रशासन ने पाड़ा भैंसों की लड़ाई बंद कर दी है, इसलिए ग्रामीण 60 से 80 साल के बुजुर्ग किसानों ने एक अनोखे तरीके से पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए सांस्कृतिक आयोजन किये गये। दीपावली के शुभ अवसर पर गोवर्धन पूजा के दिन इस मौके पर किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा ने कहा कि हमारे पुर्वज ऐसे आयोजन किया करते थे जो परंपरागत आज भी मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दीपावली के पड़वा के दिन इस तरह का अनोखा आयोजन किया गया।

दीपावली के दूसरे दिन पड़वा के दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर अनोखे तरीके से गोवर्धन पूजा की गाय भैंस को रंग कर पूजा की एवं ग्राम सेवानिया ग्राम चंदेरी ग्राम क्लास कला के ग्रामीण किसानों ने मिलकर एकत्रित होकर अनोखे तरीके से डांडिया नृत्य दीपावली का उत्सव मनाया साथ ही 60 से 80 वर्ष के बुजुर्ग किसानों ने अपने करतब दिखाये। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में किसान लोग एक अनोखे तरीके से गोवर्धन पूजा करते हैं। गाय, भैंस को रंगते हैं लेकिन इस वर्ष दीपावली के अमावस के दिन चंद्र ग्रहण होने के कारण 1 दिन बाद गाय भैंस को रंग कर पूजा की गई और अनोखे तरीके से डांडिया नृत्य किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजक कर्ता कमलेश पप्पू पटेल वर्मा जनपद सदस्य द्वारा आयोजन करवाया गया था। इस आयोजन में किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा द्वारा भी ग्रामीण किसानों को फूल माला पहनाकर बुजुर्ग किसानों का सम्मान किया गया और गांव के 70-80 वर्ष के बुजुर्ग किसानों ने लाठियां भी चलाई। अनोखे तरीके से डांडिया नृत्य ऐसा सांस्कृतिक कार्यक्रम आज भी भारत देश के सीहोर जिले के ग्राम चंदेरी,सेवानिया, कुलास कला में ऐसे भव्य आयोजन किए जाते हैं। समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा के आग्रह पर बुजुर्गों की लड़ाई की गई है जो लाठियां चलाकर अनोखे तरीके से लड़ाई लड़े। हमारी पुरानी संस्कृति को कायम रखने वाले इस आयोजन की सभी ने सराहना की।

दीपावली के मौके पर 70-80 वर्ष के बुजुर्गों ने जमकर चलाई लाठी
जिस देश के बुजुर्गों में है इतना दम वह देश नही है किसी से कम-एम.एस.मेवाड़ा
सेकड़ों किसानों ने ऐसा किया दाण्डिया कि याद आई पुरानी सभ्यता
ग्रामीणों ने मनमोहक सांस्कृतिक आयोजन कर मध्यप्रदेश को किया गौरान्वित

सुदर्शन टुडे संवाददाता दिनेश तिवारी सीहोर

सीहोर। सीहोर जिले के ग्रामीण किसानों ने दीपावली के शुभ अवसर पर गोवर्धन पूजा पड़वा के दिन ग्राम कुलांसकलाँ के कमलेश पप्पू पटेल जनपद सदस्य एवं किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा के नेतृत्व में अनोखे डांडिया नृत्य का आयोजन रखा गया। इस अवसर पर जनपद सदस्य कमलेश पप्पू पटेल बताया कि हमारे ग्राम कुलासकलाँ, चंदेरी, सेमलिया के सैकड़ों किसानों ने मिलकर अनोखे तरीके से डांडिया नृत्य किया एवं दीपावली का मिलन समारोह गोवर्धन पूजा के साथ 70 वर्ष के दुर्गा प्रसाद मेवाड़ा एवं 70 वर्ष के ही मंद्रूप सिंह किसान द्वारा एक अनोखे तरीके से लाठी घुमाते हुए बढ़े बुजुर्गों की लड़ाई का मनमोहक प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर गांव के पटेल देवकरण मेवाड़ा जिनकी उम्र 65 वर्ष एवं शिवचरण मेवाड़ा जिनकी उम्र 72 वर्ष द्वारा भी अनोखे और अलग-अलग वेशभुषा में अलग अलग-अलग अंदाज में लाठी-बाजी का प्रदर्शन किया गया एवं डांडिया नृत्य में उपस्थित सभी बुजुर्ग किसानों ने दीपावली के पड़वा के दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर ग्राम सेवनिया, चंदेरी, कुलाकलाँ के सैकड़ों किसानों ने मिलकर अनोखे तरीके से दिवाली का उत्सव मनाया गया, जो कभी कभार देखने को मिलता है। हमारे देश में ऐसा अनोखा रंग अनोखे अंदाज में दीपावली का मिलन समारोह रखना एक गौरव की बात है। पुराने सांस्कृतिक कार्यक्रम जो ग्रामीणजन बुजुर्ग पूर्वज किसान रखा करते थे। कई वर्षों पूर्व ऐसे आयोजन देखने को मिलते थे। दीपावली के पड़वा के दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गाय-भैंसों को रंगा जाता था और पाड़ा की लड़ाई की जाती थी। परन्तु पशुओं के संरक्षण को देखते हुए प्रशासन ने पाड़ा भैंसों की लड़ाई बंद कर दी है, इसलिए ग्रामीण 60 से 80 साल के बुजुर्ग किसानों ने एक अनोखे तरीके से पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए सांस्कृतिक आयोजन किये गये। दीपावली के शुभ अवसर पर गोवर्धन पूजा के दिन इस मौके पर किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा ने कहा कि हमारे पुर्वज ऐसे आयोजन किया करते थे जो परंपरागत आज भी मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दीपावली के पड़वा के दिन इस तरह का अनोखा आयोजन किया गया।
दीपावली के दूसरे दिन पड़वा के दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर अनोखे तरीके से गोवर्धन पूजा की गाय भैंस को रंग कर पूजा की एवं ग्राम सेवानिया ग्राम चंदेरी ग्राम क्लास कला के ग्रामीण किसानों ने मिलकर एकत्रित होकर अनोखे तरीके से डांडिया नृत्य दीपावली का उत्सव मनाया साथ ही 60 से 80 वर्ष के बुजुर्ग किसानों ने अपने करतब दिखाये। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में किसान लोग एक अनोखे तरीके से गोवर्धन पूजा करते हैं। गाय, भैंस को रंगते हैं लेकिन इस वर्ष दीपावली के अमावस के दिन चंद्र ग्रहण होने के कारण 1 दिन बाद गाय भैंस को रंग कर पूजा की गई और अनोखे तरीके से डांडिया नृत्य किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजक कर्ता कमलेश पप्पू पटेल वर्मा जनपद सदस्य द्वारा आयोजन करवाया गया था। इस आयोजन में किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा द्वारा भी ग्रामीण किसानों को फूल माला पहनाकर बुजुर्ग किसानों का सम्मान किया गया और गांव के 70-80 वर्ष के बुजुर्ग किसानों ने लाठियां भी चलाई। अनोखे तरीके से डांडिया नृत्य ऐसा सांस्कृतिक कार्यक्रम आज भी भारत देश के सीहोर जिले के ग्राम चंदेरी,सेवानिया, कुलास कला में ऐसे भव्य आयोजन किए जाते हैं। समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा के आग्रह पर बुजुर्गों की लड़ाई की गई है जो लाठियां चलाकर अनोखे तरीके से लड़ाई लड़े। हमारी पुरानी संस्कृति को कायम रखने वाले इस आयोजन की सभी ने सराहना की।

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