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धार शहर में कई हॉस्पिटल अभी भी नियम विरुद्ध संचालित हो रहे

धार सुदर्शन टुडे – विगत दिनों जबलपुर के हॉस्पिटल में हुई आगजनी की घटना के बाद प्रदेशभर में विभाग द्वारा अस्पतालों का निरीक्षण कर उनमें पाई जाने वाली अनियमितताओं व अनेक प्रकार की कमियों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। नियम विरूद्ध चल रहे अस्पतालों को सील कर ताला लगाया जा रहा है। इसी के तहत धार जिले में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार निजी हॉस्पिटल का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करने में लगी हुई है कि कहीं कोई हॉस्पिटल नियम विरुद्ध तो संचालित नहीं हो रहे है। दरअसल जांच में यह सामने आया है कि अस्पताल संचालन के लिए सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी फायर एनओसी के बगैर ही कई अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। इसी को लेकर सीएमएचओ शिरीष रघुवंशी द्वारा जिले के 34 हॉस्पिटलों का औचक निरीक्षण किया जा चुका है और अनियमितता एवं फायर एनओसी नहीं पाए जाने पर 15 दिनों का निलंबन आदेश भी दिया जा रहा है। लेकिन जिला मुख्यालय पर एक हॉस्पिटल ऐसा भी है जो बिल्डिंग के बेसमेंट मतलब पार्किंग एरिया में संचालित हो रहा है और वहां अगर कोई बडी दुर्घटना होती है कहीं न कहीं मरीजों की जान पर आ सकती है। क्योंकि एक तो बेसमेंट में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जहां से बाहर निकालने के लिए एक मात्र छोटा सा रास्ता है जहां से आसानी से मरीजों को बाहर आना संभव नहीं है।

इन पर कब होगी कार्यवाही जिला मुख्यालय पर स्थित तिरूपति हॉस्पिटल में यूं तो कई अनियमितता है जिसमें प्रमुख रूप से फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं है। हॉस्पिटल का संचालन बिल्डिंग के बेसमेंट में मतलब पार्किंग एरिया में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में अगर कोई दुर्घटना होती है तो मरीजों को वहां से सुरक्षित बाहर निकलने के लिए कोई मात्र एक छोटा सा दरवाजा है। वहां भी सीढ़ियों की जगह रैम्प बनाया हुआ है। ऐसे में कोई बडी दुर्घटना होती है तो मरीज बाहर कैसे निकल पाएंगे इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। नियम अनुसार हॉस्पिटल को पार्किंग एरिया या बेसमेंट में संचालित नहीं किया जा सकता है। परन्तु नियमों को ताक पर रखकर तिरुपति हॉस्पिटल नियम विरूद्ध बेसमेंट में मरीजों को भर्ती कर संचालित किया जा रहा है। जिससे हॉस्पिटल की यह लापरवाही मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।

जिले में 34 हॉस्पिटलों की हो चुकी है जांच जिलेभर स्वास्थ्य विभाग का अमला लगातार कार्यवाही कर रहा है। निरीक्षण के बाद टीम की रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ डॉ. शिरीष रघुवंशी ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर 15 दिन के लिए अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। अभी तक 34 निजी हॉस्पिटलों का औचक निरीक्षण कर लापरवाही बरतने वाले हॉस्पिटलों को नोटिस देकर 15 दिनों के लिए निलंबन कर चुकी है। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन नए मरीज भर्ती नहीं कर सकेगा। जबकि इमरजेंसी के तौर पर सिर्फ ओपीडी संचालन की अनुमति रहेगी। साथ ही इस अवधि में अस्पताल प्रबंधन को व्यवस्थाएं भी सुधारना होगी।

निरीक्षण के दौरान ये मिल रही है कमिया निरीक्षण में खास तौर पर फायर सेफ्टी देखी जा रही है। लेकिन कई अस्पतालों के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र यानि फायर एनओसी नहीं थी। सबसे पहली अनिवार्यता ही निरीक्षण में यही रखी जा रही है। इसके बावजूद बगैर फायर सेफ्टी एनओसी के अस्पताल संचालित पाए गए। अस्पताल में स्वीकृत बेड पर अनिवार्य चिकित्सक भी कम पाए जा रहे है। आम तौर देखने में आ रहा है कि इन हॉस्पिटलों में नर्सिंग स्टाफ भी पूर्ण प्रशिक्षित नहीं पाए जा रहे है। रेसीडेंट चिकित्सक की जानकारी व रोस्टर भी टीम को निरीक्षण के दौरान नहीं मिल रहा है।

इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. शिरीष रघुवंशी ने बताया कि जिले में भी 34 हॉस्पिटलों में निरीक्षण किया जा चुका है। इसी के साथ आगामी 15 दिनों में बचे हुए सारे हॉस्पिटलों का निरीक्षण कर उचित कार्यवाही की जाएगी। निरीक्षण में अनियमितताएं पाए जाने पर 15 दिन का निलंबन आदेश देकर इस अवधि में अस्पताल प्रबंधन को व्यवस्था भी सुधारने का भी निर्देश दिए है। वहीं बेसमेंट में हॉस्पिटल संचालित होने की बात पर श्री रघुवंशी ने कहा कि जल्द ही ऐसे हॉस्पिटलों का भी निरीक्षण कर कार्यवाही की जाएगी। इस मामले में तिरुपति हॉस्पिटल संचालक डॉ. रंजीत अग्रवाल से फोन पर चर्चा की तो उनका कहना था कि में बाद में बात करता हू अभी सर्जरी में जा रहा हूं।

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