बदनावर। भादवा बीज से व्रत की शुरुआत होती है तो यह व्रत करीब-करीब अनंत चौदस तक चलेंगे खासकर इनमें यह त्यौहार महिलाएं द्वारा मनाया जाता है और व्रत रखा जाता है। गणेश चतुर्थी ऋषि पाचम हलछठ सतमी उकारी आठम तेजा दशमी देवझुलनी ग्यारस बारस तेरस अंनत चौदस तक महिलाओं के व्रत चलेंगे और हर तिथि पर अलग-अलग कथा पंडितों द्वारा सुनाई जाती है। महिलाएं मंदिर जाकर उस व्रत का सारा विधी विधान पंडित से सुनती है यह व्रत क्यों किया जाता है किस कारण किया जाता है यह ब्राह्मण बड़े विस्तार से सुनाता है हल छठ के दिन हल का बोया हुआ ही अनाज भोजन में ग्रहण करती है। उकारी आठम के दिन भी महिलाएं ऋषि मुनि का व्रत रखती है नवमी दशमी के दिन धारदार हथियार का उपयोग नहीं करती है दाल बाटी शाम के समय बनाई जाती है। देवझुलनी ग्यारस के दिन में गांव में नगर में माली समाज द्वारा सत्यनारायण भगवान की प्रतिमा रथ पर रखकर पूरे नगर में भव्य शोभायात्रा निकलती है। जिसमें सभी समाज के लोग सम्मिलित होते हैं अनंत चौदस के दिन गणेश जी की पूजा पाठ कर विसर्जन किया जाता है।