मध्यप्रदेश / अनूपपुर / कोतमा सुदर्शन टुडे की खबर
हम सब स्वयं अपना निरीक्षण करने के बजाय दूसरों के निरीक्षण में ज्यादा रुचि और ध्यान रखते हैं। याद रखें दूसरों का मूल्यांकन करने वाला सदैव दुखी रहता है। श्रीमद् भागवत केवल कथा नहीं, मन को सुंदर और शुद्ध बनाने का सशक्त माध्यम है। यह ऐसा दर्पण है, जिसमें हमें अपनी कमियां भी दिखाई दे सकती हैं। हम कितने शुद्ध और निर्मल हैं, इसका आकलन करना है तो भागवत की शरण में जरूर बैठे। भागवत आत्म निरीक्षण करना सिखाती है। स्वच्छता बाहर की होती है और पवित्रता अंदर की। हम कितने स्वच्छ और कितने पवित्र हैं, इसका अंदाजा हमें भागवत के श्रवण से ही मिलेगा। राम और कृष्ण इस देश के आधार स्तंभ हैं। इनके बिना भारत भूमि की कल्पना करना भी संभव नहीं है।
कोतमा आनंद कोटि ब्रह्मांड नायक, सच्चिदानंद स्वरूप, वृंदावन के युगल किशोर श्री राधा कृष्ण की करुणा कृपा एवं पित्र देव के आशीर्वाद से श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा का आयोजन गोएनका परिवार की ओर से अग्रसेन भवन में 30 अगस्त से प्रारंभ होने जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन वाराणसी के रहने वाले आचार्य श्री पंडित चंद्रशेखर त्रिपाठी जी के द्वारा कथा का पाठन किया जाएगा।
कलश सोभा यात्रा 30 अगस्त को कलश शोभायात्रा पंचायती मंदिर से प्रस्थान करते हुए अग्रसेन धाम पहुंचेगी, 30 अगस्त को ही श्रीमद् भागवत महात्मा कथा का आयोजन होगा।