सुदर्शन टुडे संवाददाता कानपुर नगर
गांधीग्राम के विनोबा नगर में बर्बरता सहने वाली मासूम ने जब सौतेली बुआ की कहानी सुनाई, तो हर किसी का दिल पसीज गया। मासूम इतनी दहशत में हैं कि कोई उसे प्यार से भी सहलाता है, तो भी वह कांपने लगती है।
मुझसे दिनभर काम करवाती थीं। बेल्ट और तार से मारती थीं। कभी-कभी धक्का दे देती थीं। सही से खाना भी नहीं देती थीं। हमको लगता था कि अब हम नहीं बच पाएंगे। सिसकियां लेते रूंधे गले से मासूम बच्ची ने जब अपनी बुआ की करतूत बताई, तो हर किसी का दिल पसीज गया। हर किसी के मन में एक ही सवाल था कि आखिर इतनी छोटी बच्ची से उसको नफरत क्यों थी। बच्ची से पुलिस अधिकारियों ने काफी बातें पूछने का प्रयास किया, लेकिन वह ज्यादा नहीं बोल सकी। वह अभी भी डरी-सहमी है। बर्बरता की दहशत उसके दिल और दिमाग में इस कदर बैठी है कि अगर कोई उसे प्यार से भी सहलाता है, तो वह कांपने लगती है। इसलिए पुलिस ने उसको घर भिजवा दिया। स्थिति सामान्य होने के बाद उससे बातचीत कर पुलिस और जानकारी जुटाएगी। उसके बयान भी दर्ज करेगी। वहीं, महिला ने मोहल्ले के लोगों को बता रखा था कि बच्ची के माता-पिता की मौत हो चुकी है, जबकि उसकी मां जीवित है।
डराती थी कि मम्मी-पापा से कुछ न कहना
मासूम के माता-पिता कभी कभार उससे मिलते थे लेकिन, बच्ची ने प्रताड़ना के बारे में कुछ नहीं बताया। इस बारे में उससे पूछा गया तो बताया कि बुआ कहती थीं कि तुमको हमारे पास ही रहना है। अगर किसी से कुछ भी कहा तो मारी जाओगी।
पुलिस को भी सुनाई फर्जी कहानी
इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह के ने बताया कि जब महिला से बच्ची के माता पिता के विषय में पूछा तो उसने बच्ची के अनाथ होने की जानकारी दी। बच्ची से पूछताछ में पता चला कि मां जीवित है और फतेहपुर में रहती है। तब उनसे संपर्क किया गया।
ये था पूरा मामला
गांधी ग्राम के विनोबा नगर में 11 साल की बच्ची की दूर की रिश्तेदारी में लगने वाली बुआ ने बंधुआ नौकर बना कर प्रताड़ित किया। शुक्रवार को जब बच्ची ने काम करने से मना किया तो उसे तार और बेल्टों से जमकर पीटा। बच्ची ने पड़ोसी के घर में छिपकर किसी ने अपनी जान बचाई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी महिला व उसकी बेटी को हिरासत में ले लिया। बच्ची को इलाज के लिए कांशीराम अस्पताल भेजा गया।
भाई ने भी भागकर बचाई थी जान
रोशनी की फतेहपुर से आई मां नीता केवट ने पुलिस को बताया कि उसके तीन बच्चे उमेश 14, खुशबू 12 व रोशनी 11 हैं। मजदूर पति राजेंद्र की मौत के बाद रामबेटी ने उमेश व रोशनी को अपने पास रखकर अच्छी परवरिश का वादा किया था, लेकिन दोनों को प्रताड़ित करने लगी। एक दिन उमेश घर से भाग निकला और फतेहपुर पहुंच कर मां को आपबीती बताई। नीता का आरोप है कि वह बेटी को लेने आई थी, लेकिन रामबेटी ने उन्हें बंधक बनाकर पीटा। पुलिस से भी कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
बर्बरता करने वाली बुआ पर मामूली धाराओं में केस, थाने से जमानत
भतीजी पर बर्बरता करने वाली सौतेली बुआ पर चकेरी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी, लेकिन पुलिस ने सख्त कार्रवाई के बजाए उसे थाने से ही जमानत दे दी। ऐसे में आरोपी महिला सबक सीखने के बजाए बेखौफ हो गई। घर पहुंचने के बाद उसने मोहल्ले के लोगों को धमकाना शुरू कर दिया। बच्ची पर बर्बरता के बाद भी पुलिस ने एक तरह से उस पर नरमी बरती।
आखिर महिला पर रहम क्यों
मासूम की उम्र करीब 11 वर्ष है। पिछले तीन चार वर्षों से उसके साथ महिला बर्बरता कर रही है। अधिवक्ता संदीप शुक्ला ने बताया कि पूरे प्रकरण में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उस आधार पर बंधक बनाने की धारा के साथ बाल संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। घटना बेहद गंभीर है। पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, उससे ऐसा लगता है कि आरोपी को बचाने का प्रयास किया गया है। सवाल है कि आरोपी पर इतनी नरमी क्यों।