उमरिया । यह तस्वीर मध्य प्रदेश के बिरसिंहपुर पाली मंगठार स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र की है जहां बिजली यूनिट में मजदूर काम कर रहे हैं। यह वही मजदूर है जो अपना पसीना बहाकर बिजली उत्पादन में लगे हुए हैं और इनकी मेहनत का ही नतीजा है कि मध्य प्रदेश के साथ-साथ कई राज्यों में बिजली उपलब्ध हो पा रही है। लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इन मजदूरों को उनके पसीने की कीमत भी नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि दिल्ली की सायमैट्रिक्स इंजीनियर कंपनी को संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में कार्य के लिए ठेका दिया गया है जहां कंपनी द्वारा ठेकेदारी में श्रमिकों को रखकर काम लिया जा रहा है। लेकिन श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें 4 महीने से वेतन नहीं मिला है जिसके कारण उनके सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है।
बाइट: 1अमरजीत सिंह श्रमिक, 2संतोषी यादव श्रमिक
वीओ: इतना ही नहीं श्रमिकों का आरोप यह भी है कि उन्हें कुशल श्रमिक होने के बाद भी अकुशल श्रमिक के बराबर मेहनताना दिया जा रहा है जोकि कानूनन गलत है। ठेका कंपनी का कार देखने वाले मैनेजर दुर्गेश गुप्ता और प्रवीण कुशवाहा द्वारा श्रमिकों का वेतन नहीं दिया जा रहा है और वेतन मांगने पर उनके साथ मारपीट करने और काम से निकाल देने की धमकी दी जा रही है।
बाइट: 1संजीत कोल श्रमिक,2 महेंद्र सिंह श्रमिक
वीओ: हद तो यह है कि श्रमिकों द्वारा वेतन भुगतान के लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन अभी तक श्रमिकों की शिकायत का निराकरण नहीं किया गया है। यहां तक कि श्रमिकों ने ठेकेदार के सुपरवाइजर दुर्गेश गुप्ता और प्रवीण कुशवाहा के खिलाफ बिरसिंहपुर पाली थाने में शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने भी इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। लिहाजा यहां काम करने वाले श्रमिक अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए परेशान हैं और बिना वेतन के परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं अब देखना यह होगा कि आखिर शिवराज सरकार में इन श्रमिकों को न्याय मिल पाता है या नहीं।