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18 जून को वृष राशि में शुक्र का गोचर इन राशि वालों की बदलेगी किस्मत

सुदर्शन टुडे

ज्योतिषाचार्य पंडित प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया की पंचांग के अनुसार शुक्र ग्रह 18 जून 2022 को प्रातः काल 9:53 मिनट दिन से वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं किसी भी जातक की जिंदगी में शुक्र की स्थिति संपत्ति और प्रेम संबंधों को प्रभावित करती है। शुक्र किसी पुरुष की कुंडली में पत्नी, भोग विलासिता वा दैनिक जीवन में सुख का भी कारक होता है विवाह के लिए शुक्र सभी ग्रहों में से प्रमुख है। शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी है. ज्योतिषाचार्य पंडित प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया की शुक्र के इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर होगा। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में है उन्हे इसके सकारात्मक प्रभाव तथा जिनकी कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में नही है उन्हे नकारात्मक प्रभाव प्राप्त होगे।
तो आइए जानते है शुक्र के इस गोचर का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा।
1.मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में अपनी गोचरीय स्थिति में वे आपके द्वितीय भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में शुक्र का ये गोचर आपके परिवार और धन भाव के लिए बहुत ही शुभ रहने वाला है। क्योंकि इस दौरान इससे आपके परिवार में खुशहाली का माहौल बना रहेगा और परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे को सहयोग करते दिखाई देंगे। इससे घर के वातावरण में शांति और हंसी-खुशी देखी जाएगी। इस दौरान कई जातकों के घर-परिवार में किसी प्रकार का कोई मांगलिक या शुभ कार्य भी संपन्न हो सकता है। संभावना अधिक है कि किसी नन्हे मेहमान के आने की खुशखबरी भी परिवार को मिलें।
इसके अलावा वो जातक जो साझेदारी से जुड़ा व्यापार करते हैं उनके लिए भी शुक्र का ये गोचर अत्यंत शुभ रहने वाला है। क्योंकि इस अवधि में उनके व्यवसाय में उन्नति होगी और जिससे उन्हें तरक्की करने के नए-नए अवसर मिल सकेंगे। साथ ही यदि आप पहले से किसी प्रोजेक्ट से जुड़ी डील करना चाह रहे थे तो आपको ये गोचर उसमे भी सफलता मिलने के योग बनाएगा।
अब बात करें प्रेम संबंधों की तो वैवाहिक जातकों को शुक्र देव की असीम कृपा से अपने ससुराल पक्ष की ओर से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। साथ ही आपके किसी अधूरे पड़े कार्य को पूरा करने में आपको अपने ससुराल की ओर से पूरा सहयोग भी इस समय प्राप्त होगा।
उपाय: शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना कर मंदिर में घी का एक दीपक जलाएं।

2.वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और षष्ठम भाव के स्वामी है। शुक्र का वृषभ राशि में गोचर प्रथम भाव में ही होगा। प्रथम भाव आत्मा, मानसिक क्षमताओं और सांसारिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। ऐसे में यह गोचर आपके लिए विशेष महत्वपूर्ण रहने वाला है। शुक्र देव की कृपा से आपका व्यक्तित्व निखरकर सामने आएगा। साथ ही आप अपने स्वभाव में सही सुधार करते भी दिखाई देंगे। कई जातक इस समय अपने पहनावे में सकारात्मक बदलाव के लिए किसी प्रकार की खरीदारी भी कर सकते हैं।
अब बात करें प्रेम संबंधों की तो शादीशुदा जातकों के लिए भी ये गोचर शुभ रहने वाला है। क्योंकि इस दौरान आपके और जीवनसाथी के बीच का प्रेम बढ़ेगा। साथ ही आपका साथी हर परिस्थिति में आपका सहयोग करता दिखाई देगा। परंतु स्वास्थ्य के लिहाज़ से आप इस समय कुछ मानसिक तनाव से पीड़ित रहेंगे। इसलिए इस समय जितना आप खुद को मानसिक रूप से शांत और संतुष्ट रखेंगे उतनी ही जल्दी आपको अपने तनाव से मुक्ति मिलेगी। हालांकि यदि आप पूर्व की किसी समस्या से परेशान थे तो शुक्र देव आपको उस समस्या से निजात देने का कार्य भी करेंगे।
उपायः विधिवत तरीके से मोती धारण करना आपके लिए शुभ रहेगा। क्योंकि इससे आपको मानसिक सुख-शांति की प्राप्ति हो सकेगी।

3.मिथुन
मिथुन राशि के जातकों लिए शुक्र बारहवें भाव के साथ ही उनके पंचम भाव के स्वामी भी होते हैं और अब ये ग्रह आपके विदेश यात्रा, व्यय, हानि और मानसिक स्वास्थ्य के बारहवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में इस दौरान आर्थिक रूप से आपके खर्चों में वृद्धि देखी जाएगी। आशंका अधिक है कि आप अपने जीवन को आकर्षक व दूसरों से बेहतर बनाने के लिए अपने धन का एक बड़ा भाग खर्च करें।
इसके अलावा आप इस समय अपनी भौतिक और पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी अपनी आय से अधिक ख़र्चा करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको निजी तौर पर आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ सकता है। इसलिए जितना संभव हो शुरुआत से ही अपने धन को संचित करें और कुछ भी खरीदते समय विशेष सावधानी बरतें।
हालांकि ये गोचर उन जातकों के लिए अनुकूल रहेगा जो पिछले काफी समय से विदेश जाने के इच्छुक थे। क्योंकि इस समय विदेश यात्रा पर जाने का भी आपको कोई शुभ अवसर प्राप्त होता दिख रहा है।
अब बात करें प्रेम संबंधों की तो शादीशुदा जातकों को अपने जीवनसाथी की सेहत का ख़ास ख्याल रखने की ज़रूरत होगी। क्योंकि ये गोचर आपके साथी की सेहत में कुछ गिरवाट लेकर आ रहा है। साथ ही आपको इस समय कामवासना से भी सही दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है। वहीं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आपको इस समय कुछ छोटी-मोटी परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा। इसलिए इस समय अपने खाने-पीने का ध्यान रखें और बाहर का खाना खाने से बचें।
उपायः नियमित रूप से मां लक्ष्मी और विष्णु जी की आराधना करें।

4.कर्क
कर्क राशि वाले जातकों के लिए शुक्र ग्यारहवें और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान वे आपके एकादश भाव में विराजमान होंगे। इस भाव से हम मित्रों, लाभ, आय और इच्छाओं को देखते हैं। ऐसे में शुक्र के गोचर की ये स्थिति आपकी आय में वृद्धि लेकर आएगी। क्योंकि इस दौरान आपकी आय बढ़ने के साथ-साथ आपको अच्छा प्रमोशन मिलने के भी योग बनेंगे।
साथ ही ये गोचर आर्थिक रूप से भी आपको फायदा देगा और आप अलग-अलग स्रोतों में अपनी आमदनी में इजाफा करने में सफल होंगे। वो जातक जिनका धन कही अटका हुआ था तो वे भी अपना धन पुनः हासिल करने वाले हैं। यदि आप शेयर बाजार आदि में निवेश करना चाहते हैं तो भी ये अवधि उसके लिए उत्तम रहने वाली है।
अब बात करें प्रेम संबंधों की तो प्रेम और रोमांस के लिए शुक्र देव का आपको पूरा साथ मिलेगा। जिससे सबसे अधिक प्रेमी जातक अपनी लव लाइफ में सफलता प्राप्त करेंगे। साथ ही आपकी लंबे समय से अधूरी कोई इच्छा भी इस गोचर के दौरान पूरी होती हुई दिखाई दे रही है। वहीं कार्यक्षेत्र पर भी ये गोचर आपको अपार सफलता देने की संभावना बनाएगा। क्योंकि ये वो समय होगा जब आपके सीनियर्स आपका भरपूर सहयोग करेंगे। लेकिन बावजूद इसके इस समय आपको सबसे अधिक आर्थिक फैसलों को लेकर सही से सोच-विचार करने की सलाह दी जाती है।
उपायः हर शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने के पश्चात उस खीर को प्रसाद स्वरूप परिवार के सभी सदस्यों में बांटे।

5.सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र दशम और तृतीय भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान गोचरीय स्थिति में यह ग्रह आपके करियर, प्रसिद्धि और सामाजिक स्थिति के दशम भाव में गोचर करेंगे। दशम भाव में शुक्र का ये गोचर आपको कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होने के योग बनाएगा। जिससे उनका प्रमोशन होगा और उन्हें अपने करियर में अच्छे व नए अवसर मिल सकेंगे। ऐसे में इस समय आपको हर कार्य को अधिक ईमानदारी से करने की ज़रूरत होगी।
पारिवारिक जीवन में भी शुक्र देव आपके घर-परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनाएंगे। साथ ही आपको परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग भी मिलेगा। लेकिन यदि आप शादीशुदा हैं तो आपको किसी कारणवश अपने जीवनसाथी से दूर जाना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप आप दोनों के रिश्ते में कुछ वाद-विवाद भी होने की आशंका रहेगी। जिन जातकों के अपने पिता के साथ संबंध खराब थे वे अपने पिता के साथ संबंध बेहतर कर सकेंगे। हालांकि स्वास्थ्य के लिहाज़ से आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा।
उपायः शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को किशमिश का भोग लगाएं।

6.कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र नौवें और दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और वृषभ राशि में अपने गोचर के दौरान शुक्र देव आपके नवम भाव में विराजमान होंगे। नवम भाव में शुक्र का गोचर आपके किसी ऐसी यात्रा पर जाने के योग बनाएगा, जो आगे चलकर आपके लिए एक लाभकारी यात्रा सिद्ध होगी। इसके अलावा इस समय समाज में भी आपका मान-सम्मान बढ़ता हुआ दिखाई देगा।
अब बात करें प्रेम संबंधों की तो ये गोचर आपको लव लाइफ में अनुकूलता देने वाला है। ऐसे में यदि पहले से आपकी अपने पार्टनर के साथ कोई गलतफहमी चल रही थी या वाद-विवाद की स्थिति थी तो उसे भी आप इस अवधि में दूर करने में पूरी तरह सक्षम रहने वाले हैं। वहीं पारिवारिक जीवन में ये गोचर आपको अपने पिता का भी पूरा सहयोग देगा।
शुक्र देव की कृपा आपका धर्म के प्रति रुझान और सक्रियता भी बढ़ाएगी। साथ ही आर्थिक जीवन के लिहाज़ से भी आपको अच्छा लाभ मिलने की संभावना बनी हुई है।
उपायः शिवलिंग की आराधना करें और रोजाना सुबह मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

7.तुला
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके आठवें और पहले भाव के स्वामी होते हैं और अब वर्तमान में यह आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे। जो कि विरासत, मनोगत विज्ञान, लड़ाइयों और विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में आपकी राशि से अष्टम भाव में होने वाले गोचर से आपको अचानक से कोई लाभ प्राप्त होने की संभावना है।
हालांकि स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको थोड़ा सावधान रहने की ज़रूरत होगी। क्योंकि ये गोचर आपको कुछ छोटी-मोटी स्वास्थ्य से संबंधित समस्या देगा। साथ ही इस समय आपके साथ कोई घटना भी घटित हो सकती है और संभव है कि ये घटना आपके लिए सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की हो। इसलिए इस गोचर के दौरान खासतौर से वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरते और छोटी से छोटी समस्या के प्रति भी लापरवाही नदिखाते हुए तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह जरूर लें। शुक्र देव का स्थानपरिवर्तन आपका रुझान धर्म की ओर भी बढ़ाएगा और जिसके परिणामस्वरूप आप धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते दिखाई देंगे।
अब बात करें आपके प्रेम संबंधों की तो इस अवधि में शादीशुदा जातकों का अपने जीवनसाथी के प्रति संबंध और भी मजबूत होने के योग बनेंगे। पारिवारिक जीवन में भी घर-परिवार में कोई मांगलिक समारोह का आयोजन संभव है या आप सपरिवार किसी धार्मिक यात्रा पर भी जाने का विचार कर सकते हैं।
उपायः नियमित रूप से मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।

8.वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का यह गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होने जा रहा है। यह भाव विवाह, साझेदारी और दीर्घकालिक समझौतों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में सप्तम भाव में शुक्र का गोचर शादीशुदा जातकों के लिए विशेष महत्वपूर्ण रहने वाला है। क्योंकि इस दौरान वे दांपत्य सुख का आनंद लेंगे। यदि आप किसी के साथ प्रेम संबंधों में हैं तो इस समय आपके रिश्ते में मजबूती आएगी। वहीं जो जातक शादी के योग्य है या शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं इस गोचर के दौरान आपका रिश्ता भी कहीं पक्का होने के योग बन रहे हैं।
अब बात करें कार्यक्षेत्र की तो इस समय आपकी प्रोफेशनल लाइफ भी पहले से मजबूत रहेगी। खासतौर से वो जातक जो साझेदारी के व्यवसाय से जुड़े हैं उन्हें इस दौरान शुक्र देव भाग्य का साथ देने वाले हैं।
हालांकि यदि आप विदेश जाने के इच्छुक थे या वहां सेटेलमेंट की सोच रहे थे तो इस समय आपका ये सपना पूरा होने की संभावना अधिक रहेगी। परंतु आर्थिक जीवन में कुछ ख़र्चों के अधिक होने से आपको कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा। आशंका अधिक है कि किसी विवाह समारोह या किसी कार्यक्रम में आपको अपने धन का ख़र्चा करना पड़े। जिससे आप धन संचय करने में असफल रहेंगे।
उपायः नियमित रूप से गाय को हरा चारा खिलाएं।

9.धनु
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके षष्ठम और एकादश भाव के स्वामी होते हैं और अब यह आपके षष्ठम भाव में गोचर करेंगे। यह भाव स्वास्थ्य, काम और दिनचर्या का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में इस भाव में शुक्र का गोचर करना आपको अपने प्रेम जीवन में कई चुनौतियों देने वाला है। इसलिए प्रियतम के साथ किसी भी तरह की बहस में न पड़े, अन्यथा बात बढ़ सकती है।
इस अवधि में कार्यक्षेत्र पर आपके विरोधी भी अधिक सक्रिय होंगे और लगातार आपको नुक्सान पहुंचाने व आप पर हावी होने के लिए षड्यंत्र करते दिखाई देंगे। इसलिए शुरुआत से ही उनके प्रति सावधनी बरतने की आपको सलाह दी जाती है। आर्थिक जीवन में भी आप न चाहते हुए भी कई कीमती वस्तुओं पर धन खर्च करेंगे और जिसके परिणास्वरूप आपको आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ेगा और इस कारण आप किसी बैंक या अन्य किसी संस्था से लोन लेने का विचार कर सकते हैं।
हालांकि ये गोचर आपको अपने ननिहाल पक्ष से अच्छा सहयोग मिलने की संभावना दर्शा रहा है। साथ ही शादीशुदा जातक जीवनसाथी के साथ अच्छे समय का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा यदि आप किसी सरकारी नौकरी या किसी खास परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें भी आपको अपार सफलता मिलने के पूरे आसार रहेंगे। लेकिन अपने स्वास्थ्य के प्रति आपको पहले से अधिक सतर्कता बरतने की ज़रूरत होगी। इसलिए जितना संभव हो बाहर की चीजों और बासी खाने से परहेज करें व बदलते मौसम के साथ अपना बचाव करें।
उपायः गणेश जी की आराधना कर उन्हें लड्डूओं का भोग लगाएं।

10.मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पंचम और दशम भाव के स्वामी होते हैं और अब यह वर्तमान गोचरीय स्थिति में आपके पंचम भाव में ही गोचर करेंगे। यह भाव प्रेम संबंधों, अवकाश, आनंद, संतान, शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में आपकी राशि से इस भाव में शुक्र का गोचर सबसे अधिक आपके प्रेम जीवन में अनुकूलता देने वाला है। इस समय प्रेमी जातक अपनी लव लाइफ में खुलकर आनंद लेंगे।
साथ ही यदि आप शादीशुदा हैं तो भी ये गोचर आपको जीवनसाथी से अच्छा लाभ देने के योग बनाएगा। ये वो समय होगा जब आप अपने जीवनसाथी के प्रति अधिक आकर्षित होंगे और उनकी इच्छाओं को पूरा करने के लिए तत्पर दिखाई देंगे। ऐसे में इसका सबसे अधिक शुभ फल उन दांपत्य जातकों को मिलेगा जो अपने परिवार में विस्तार का सोच रहे थे।
छात्रों की बात करें तो शिक्षा में भी ये गोचर आपको अच्छी सफलता देने वाला है। क्योंकि इस समय आप पढ़ाई-लिखाई में अपना अच्छा प्रदर्शन देने में सक्षम होंगे और इससे समाज में भी आपका मान-सम्मान और दायरा बढ़ेगा।
उपायः विधि अनुसार हीरे की अंगूठी धारण करना आपके लिए शुभ रहेगा। इसके अलावा आप चांदी का छल्ला भी धारण कर सकते हैं।

11.कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र नवम और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और अब शुक्र का यह गोचर आपके चतुर्थ भाव में ही होगा। चतुर्थ भाव से आपके परिवार और संबंधों, संपत्ति और गृह जीवन और मां के बारे में विचार किया जाता है। ऐसे में यह गोचर कुंभ राशि के जातकों के लिए कुछ ख़र्चे लेकर आ रहा है। क्योंकि इस समय कई जातक कोई नया घर व वाहन खरीद सकते हैं या पुराने घर की मरम्मत व घर की साज-सज्जा पर आपको अपने धन का एक बड़ा भाग खर्च करना होगा।
आशंका ये भी है कि इस गोचर के दौरान कई जातकों को किसी कारणवश अपने घर से दूर जाना पड़े। साथ ही शुक्र देव आपके पिता की सेहत में भी कुछ गिरावट लेकर आएं। इसलिए आपको उनकी सेहत के प्रति शुरुआत से ही सावधानी बरतनी होगी।
हालांकि कार्यक्षेत्र पर आप अपना अच्छा प्रदर्शन दे सकेंगे और जिसके लिए आपको कार्यस्थल पर अपने सहकर्मी व अधिकारियों से जमकर तारीफ भी मिलेगी। इससे कई नौकरीपेशा जातकों के प्रमोशन के योग भी बनेंगे।
उपायः मां लक्ष्मी को हर शुक्रवार के दिन सफेद फूल अर्पित करें।

12.मीन
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे घर में ही गोचर करेंगे। यह भाव संचार और छोटे भाई-बहनों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में शुक्र का आपकी राशि से इस भाव में उपस्थित होना सबसे अधिक मीडिया, कला व अभिनय से जुड़े जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में अपार लाभ प्राप्ति होने के योग बनाएगा।
साथ ही आप अपनी अच्छी जीवन शैली से लोगों को बेहद आसानी से प्रभावित करते हुए उनके दिलों में अपने लिए एक ख़ास जगह बनाने में भी सफल होंगे। इसके अलावा कार्यक्षेत्र पर भी आपको अपार सफलता मिलेगी। क्योंकि ये वो समय होगा जब आप अपनी मेहनत के बल पर अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे।

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