एफआईआर के अलावा 15 लाख से अधिक राशि का लगाया जुर्माना
खरगोन से शाहिद खान की रिपोर्ट
कसरावद तहसील के अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था सिनगुन द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान की घोर अनियमितता पकड़ी गई है। घोर अनियमितता के बाद एसडीएम श्री संघ प्रिय ने जांच के बाद बलकवाड़ा थाने में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कसरावद श्री वीरेंद्र चौहान के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज कराई है। इतना ही नहीं एसडीएम श्री संघ प्रिय द्वारा सिनगुन शासकीय उचित मूल्य दुकान के प्रबंधक शोभाराम अवचरे और विक्रेता ललित पाटीदार पर 15 लाख 47 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 7 मार्च को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कसरावद द्वारा जांच की गई थी। जांच के दौरान सामग्री वितरण में अनियमितता एवं पीओएस मशीन और स्टॉक पत्रक के अनुसार अत्यधिक मात्रा में अंतर पाया गया था। इस दौरान एसडीएम श्री संघ प्रिय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण दर्ज कर सूचना पत्र जारी किया गया। जवाब में अनावेदकों द्वारा बताया गया कि जांच में पाई गई त्रुटियां एवं अनियमितता के संबंध में लगाये गए आरोपो को सुधार कर अभिलेख सुधार किए गए। साथ ही बताया गया कि खाद्यान्न सामग्री वितरण की त्रुटि पीओएस मशीन में होने से हुई है।
पीओएस और स्टॉक पंजी में अंतर
एसडीएम श्री संघप्रिय द्वारा पारित आदेश में सामने आया कि स्टॉक पंजी. से वितरण में तथा पीओएस मशीन से वितरण माह सितंबर 2021 से माह जनवरी 2022 में अंतर पाया गया है। इसके बाद जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा दोनो स्टॉक की जांच की गई। प्राथमिकता परिवार के गेंहू वितरण में पीओएस मशीन में 345.31 क्विंटल का स्टॉक पाया गया परंतु स्टॉक पंजी में 42.60 क्विंटल का स्टॉक ही पाया गया इस प्रकार अंतर 302.71 क्विंटल कम गेंहू पाया गया। इसी तरह प्रधानमंत्री अन्न योजना में पीओएस में स्टॉक 115.83 क्वि. और स्टॉक पंजी में 00.00 क्वि. इस तरह अंतर 115.83 क्वि. कम पाया गया। वहीं चावल वितरण में प्राथमिकता परिवारों के मामले में पीओएस मशीन में स्टॉक 133.08 क्विंटल और स्टॉक पंजी में 9.94 क्विंटल अतः 123.12 क्विंटल कम पाया गया। इस तरह प्रधानमंत्री अन्न योजना में पीओएस मशीन में स्टॉक 30.23 क्विंटल और स्टॉक में 24.76 क्विंटल पाया गया। यहाँ 5.47 क्विंटल कम पाया गया। इसके अलावा नीले केरोसिन में भी गड़बड़ी सामने आई है। इस मामले में पीओएस मशीन में स्टॉक 476 ली. और स्टॉक पंजी में 1260 ली. बताया गया। इसमें 784 लीटर अधिक पाया गया।
यह कृत्य मप्र सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 10(4), 10(8), कंडिका 11 (1),(2),(3),(6),(8), (9),(10) कण्डिका 13(1) 13(2) तथा कण्डिका 8(6) के प्रारूप (ख) की शर्त 3,4,6,9,10,13,14,15,17,21,24,25,26,28,29 का स्पष्ट उल्लंघन किया गया। जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दंडनीय है।