चंद्रेश जोशी सूर दर्शन टुडे रायसेन
न खाते का पैसा निकाल पा रहे और न फसल विक्रय का भुगतान हो रहा,पैसा नहीं मिल रहा, आखिर कैसे लें बीज और खाद
रायसेन।समर्थन मूल्य पर फसल बेचने वाले 223 किसानों को अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। इनकी राशि लाखाें रुपए में है। 100 ऐसे किसान हैं, जिनका भुगतान स्वीकृति पत्रक तैयार होने के बाद हो सकेगा। अभी तक 1724 किसानाें का भुगतान हो चुका है। जबकि 18 47 किसानों से उपज खरीदी की गई थी।संदीप भार्गव,सहायक आपूर्ति अधिकारी।
मैं करमोदिया गांव का रहने वाला हूं। मैंने और परिवार अन्य रिश्तेदारों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचा जाता था। भुगतान लाखों रुपए में है। डेढ़ माह से अधिक समय हो गया लेकिन भुगतान नहीं हुआ है। हम न तो खेत की जुताई करवा पा रहे हैं और न ही बीज खरीद पा रहे।दुर्जन सिंह ठाकुर, किसान
मेरा केंद्रीय सहकारी बैंक रायसेन में खाता है। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत हर साल मिलने वाले पैसे लेने आया हूं। लेकिन बैंक वाले कह रहे हैं कि अभी हमारे पास कैश नहीं है, इसलिए बिल्कुल भी पैसे नहीं दे पाएंगे।हरिओम धाकड़, किसान
किसान इन दिनों खरीफ बोवनी से पहले खेत को तैयार करने में लगे हैं। लेकिन जुताई करने के लिए पहले डीजल के लिए नकदी की जरूरत पड़ रही है। जो बैंक से नहीं मिल पा रही। न तो हम अपने खाते के पैसे निकाल पा रहे हैं और न ही फसल का भुगतान मिल पा रहा है।लखपत
धाकड़, किसान
खाद बीज को लेकर किसान पड़े चिंता में…..
खरीफ की बोवनी में भले ही अभी समय है लेकिन अभी से किसान खेत को आगामी फसल के लिए तैयार करने में जुट गया है। साथ ही उसे अभी से खादबीज की भी व्यवस्था करनी होगी ।ताकि समय पर उसे परेशानी का सामना न करना पडे़। इस काम के लिए उसे नकदी की जरूरत पड़ रही हैै। लेकिन यह बैंक से नहीं मिल पा रहा है। इसकी प्रमुख वजह है, अधिकतर किसानों का खाता सहकारी बैँक में होना। इसी जगह से उसे किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाली राशि मिलेगी तो वहीं समर्थन मूल्य पर बेची गई उपज का भुगतान भी इसी जगह से होगा। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि सहकारी बैंक के पास इतने किसानों को देने पर्याप्त कैश तक उपलब्ध नहीं है।जिला मुख्यालय स्थित केंद्रीय सहकारी बैंक की मुख्य शाखा के बाहर खड़े कई किसानों से मीडियाकर्मियों ने बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया कि वे गुना तहसील के आसपास के गांव से यहां नगदी लेने आए हैं। क्योंकि उन्हें इस समय आगामी फसल के लिए इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। जब वे यहां आए तो उनसे कहा गया कि अभी उनके पास पर्याप्त कैश ही उपलब्ध नहीं है। इसलिए वे पूरी राशि का भुगतान नहीं कर सकेंगे।
सालेरा गांव से आए किसान बाबू सिंह बैरागी भारत सिंह राय ने बताया कि उन्हें समर्थन मूल्य पर बेची गई फसल का कुल 50 हजार रुपए भुगतान होना है। लेकिन बैंक ने उन्हें सिर्फ 10 हजार रुपए ही दिए हैं। शेष रकम कब मिलेगी और कितनी बार उन्हें यहां आना पड़ेगा।, इस बारे में कुछ नहीं कहा। इसके अलावा अन्य किसानों ने बताया कि उन्हें फसल बेचे हुए 2 माह होने को हैं लेकिन बैँक वाले कह रहे हैं कि आपके खाते में ऊपर से होल्ड लगा हुआ है ।इसलिए आपको भुगतान नहीं हो पाएगा। इसके अलावा कई ऐसे उपभोक्ता भी आए थे जिन्हें तो खुद के खाते से अपने द्वारा जमा की गई राशि ही निकालनी थी लेकिन उन्हें भी लौटा दिया गया।
एटीएम वाला बैंक होता तो अच्छा रहता…..
अपने ही खाते से अपने पैसे न निकाल पाने का दर्द झेल रहे ग्रामीणाें सहित किसानों का कहना था कि अच्छा होता उनका बैंक खाता ऐसी बैंक में होता जहां उन्हें एटीएम से पैसे निकालने क सुविधा मिलती तो वे कहीं से भी चाहे जब पैसे निकाल लेते। इस बैंक में खाता खुलवाकर परेशान होना पड़ रहा है।जब भी इस बैंक में पैसा निकालने आए तो कभी भी पूरा पैसा नहीं मिलता।.