राजपुर नगर की साहित्यिक संस्था ‘हमजमीं’ के तत्वावधान में टेमला बुजुर्ग, राजपुर के शिवमंगलधाम-कष्टभंजन हनुमान मंदिर-परिसर में काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। अध्यक्षता प्रसिद्ध तबला वादक के.बी.वाशिंदे ने की । मां सरस्वती की वंदना हेमेंद्र स्वामी ‘आनंद’ द्वारा की गई। साहित्यकार प्रमोद त्रिवेदी ‘पुष्प’ ने ग्रीष्म के दोहे सुनाते हुए कहा ,’पीत पर्ण पट पट परे, पेड़ हुए सब ठूँठ। गर्म हवा चलने लगी, शीत गई है रूठ।।इठलाते थे शिखर पर ,बिछेे धरा पर आज। समय-समय का फेर है, गिर जाते हैं ताज।। युवा कवि दिलीप कुशवाहा ‘राज’ ने जिंदगी की कशमकश को गजल में पिरोते हुए कहा, इतना न कर गुमान जिंदगी, चार दिनी मेहमान जिंदगी। कहीं छप्पन भोग सुलभ हैं,एक कौर अरमान जिंदगी । युवा कवि गणेश सोनी ने हिंदी की पीड़ा निमाड़ी कविता में व्यक्त करते हुए कहा, घर को जोगी जोगड़ो ,आन गांव को पीर । हिंदी असिज रइ गई , अंग्रेजी हुई गई मीर। प्रसिद्ध मंचीय कवि डॉ.अपूर्व शुक्ला ने राष्ट्रभक्ति की रचना सुनाते हुए कहा, केदार की घंटी बजा दी है, 370 हटा दी है । 56 इंच सीने ने, दुनिया में धूम मचा दी है ।महाभारत का संदर्भ लेकर कवि हेमेंद्र स्वामी ‘आनंद’ ने चेतावनी देते हुए रचना में कहा, रहे मौन जो अन्यायों पर, भीष्म तुम्हें भी ढलना होगा ।मौलिक अत्याचार के संगी, कर्ण तुम्हें भी टलना होगा। प्रसिद्ध क्षणिका कार महेश गुप्ता मेडिकल ने कहा, आजकल इश्क की झील में ,उनकी ही चलती है बोट।जिनकी जेब में होती है ,हरी हरी नोट। सुमधुर कंठ के धनी सुरेश व्यास ने गीत- गजल गाकर मुग्ध कर दिया। ओजस्वी संचालनकर्ता बलदेव चौहान ‘दरबार’ ने अपनी रचना में कहा, रामचरित है बस रामायण, और कथा श्री राम की। यह पावन है पुण्य सलिला, बहती है निष्काम सी। अंत में प्रमोद त्रिवेदी ‘पुष्प’ ने आभार प्रदर्शन ने व्यक्त किया।