जैविक किसान दिलीप सिंह राजपूत, विष्णु राजपूत अब डीडी किसान चैनल पर दिखे,किसानों को जागरूक करने का मकसद।
(सुदर्शन टुडे संवाददाता ओमप्रकाश राठौर बोड़ा)
बोड़ा:- दूरदर्शन मध्य प्रदेश के प्रश्न पहर कार्यक्रम में विगत दिवस मेहमान रहे राजगढ़ जिले तहसील नरसिंहगढ़ के ग्राम रोसला जागीर निवासी जैविक खेती किसान दिलीप सिंह राजपूत, विष्णू राजपूत कांसरोद निवासी ने जैविक खेती के माध्यम से अच्छी और उन्नत जेविक खेती कर रहे हैं। इन्होंने दूरदर्शन के माध्यम से जैविक खेती के डाक्टर और विशेषज्ञों से सवाल जवाब किए। इसके पहले भी जैविक खेती के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए 19 अगस्त 2014 में किसान दिलीप सिंह जादम (राजपूत) रोसला जागीर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर मध्य प्रदेश से प्रशस्ति पत्र वा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। और जैविक खेती के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए गुजरात में दिलीप सिंह राजपूत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 51 हजार रूपए वा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में कृषि में समसामयिक कार्य
दलबाग सिंह एंकर,
डॉ. शीशराम जाखड़, कार्यक्रम सहायक, कृषि विज्ञान केंद्र जावरा रतलाम, म.प्र.,
डॉ. रामधन घासवा ,कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, जावरा रतलाम, म.प्र.
सफल किसान दिलीप सिंह राजपूत रोसला जागीर,
विष्णु सिंह कासरोद, प्रमुख लोग मौजूद थे।
जैविक खेती एक ऐसी पद्धति है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों तथा खरपतवारनाशियों के स्थान पर जीवांश खाद पोषक तत्वों (गोबर की खाद कम्पोस्ट, हरी खाद, जीवणु कल्चर, जैविक खाद आदि) जैव नाशियों (बायो-पैस्टीसाईड) व बायो एजैन्ट जैसे काईसोपा आदि का उपयोग किया जाता है, जिससे न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक बनी रहती है, बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता तथा कृषि लागत घटने व उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ने से कृषक को अधिक लाभ भी मिलता है।
जैविक खेती वह सदाबहार कृषि पद्धति है, जो पर्यावरण जल व वायु की शुद्धता, भूमि का प्राकृतिक स्वरूप बनाने वाली, जल धारण क्षमता बढ़ाने वाली, धैर्यशील कृत संकल्पित होते हुए रसायनों का उपयोग आवश्यकता अनुसार कम से कम करते हुए कृषक को कम लागत से दीर्घकालीन स्थिर व अच्छी गुणवत्ता वाली पारम्परिक पद्धति लें।
जैविक किसान दिलीप सिंह राजपूत सवाल :- प्रथम?
*गर्मियों के दिनो मे घहरी जुताई केसे और कब करे,*
नरवाई भी बहुत जलाई जा रही है जिससे क्या क्या हानि लाभ हे सवाल किया।
*विशेषज्ञ जवाब:-* किसान भाई प्रत्येक तीन साल में एक बार घहरी जुताई करे । हर साल नही करे।जिससे किसान भाई यह लाभ रहेगा जैसे पहला लाभ
हमारी मिट्टी कठोर हो जाती है हवा का आवागमन बट जाता है जिससे पेड़ पौधो की जड़े, फसल मजूबूती से प्रदान होगी हवा पानी मिलने से।
दूसरा जितने भी हानिकारक किटके है लार्वा, लट, अंडे हे, मिट्टी पलटने से ऊपर आजाएंगे सारे के सारे। और जिससे तापमान अधिक रहने से वर्तमान समय में नष्ट हो जाएंगे।
दूसरा लाभ
घहरी जुताई करते हे तो मिट्टी की ऊपर परत टूट जाती है जिससे मिट्टी की नमी बनी रहती है।
किसान भाई को 12 से 15 सेंटीमीटर घहरी जुताई करनी चाहिए।
किसान दिलीप सिंह राजपूत सवाल दूसरा
किसान नरवाई जलाते हे इसके लाभ और फायदा क्या बताए ?डॉक्टर जवाब:- किसान बहोत बड़ी गलती करते है जैसे फसल कटती है उसके बाद खेत में आग लगा देते हैं जोकि बहुत गलत है।मिट्टी में जो भी सूक्ष्मजीव होते हैं वह खत्म हो जाते हैं हमारी मिट्टी को जो आग लगाकर पकाते हैं जिससे उसमें जितने भी सूक्ष्मजीव है खत्म हो जाते हैं। लाभ दायक कीट भी खत्म हो जाते हैं। सवाल जैविक खेती करते हैं तो आप कीट प्रबंधन केसे करते है किसान दिलीप सिंह राजपूत जी।जवाब जैविक किसान दिलीप सिंह राजपूत ने बताया कि कीट प्रबंधन का जैसे मेने अभी तक प्रयोग करा हे जिस पेड़ की पत्ती को बकरी नही खाती है वह पुरे कीट प्रबंधन में हो जाते हैं।इसमें मेन गोमूत्र का उपयोग किया जाता है।