आधुनिक युग में आलस भरे जीवन से व्यक्तियों में रोगों की लड़ने की क्षमता निरंतर घटती जा रही है इसी संदर्भ पर पालीवाल अस्पताल के संचालक विशेषज्ञ सर्जन डॉक्टर जयप्रकाश पालीवाल से चर्चा हुई उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में युवा शारीरिक परिश्रम नहीं कर रहे हैं जिनकी दिनचर्या सही नहीं है इस फल के फल स्वरुप आज युवाओं को नाम जन्मे रोग बीमारी निरंतर बढ़ रही है डॉक्टर पालीवाल ने बताया कि अगर स्वस्थ रहना है तो योग व्यायाम के साथ शरीर को परिश्रम निरंतर जारी है साथी स्वस्थ भारी शरीर के लिए हरी सब्जियों से निर्मित भोजन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है वर्तमान समय में आजकल हर परिवार में देखा जा रहा है कि शुगर बीपी सर्दी जुकाम खांसी जहां तक की कैंसर जैसे रोग निरंतर बढ़ रहे हैं इसका सबसे बड़ा कारण मनुष्य के दिनचर्या आज मनोज देर रात्रि तक रखना है नशीली चीजों का सेवन करता है जैसे शराब बड़ी सिगरेट गांजा अफीम चरस आदि का सेवन कर रहा है उसका शरीर का पर प्रभाव पड़ता है और वह रोगों को विरासत कर हो रहा हैडॉक्टर पालीवाल ने बताया कि ऐसा नहीं है कि रोगों से लड़ा नहीं जा सकता उसके लिए व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होना पड़ेगा और समय मिलकर शारीरिक परिश्रम के साथ प्रतिदिन तीन-चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा इससे शारीरिक क्षमता बढ़ती है रोक-रोधक क्षमता व्यक्ति में विकसित होती है डॉक्टर पालीवाल ने कहा कि आज ग्रामों में निवासराज व्यक्ति ज्यादा स्वस्थ क्यों रहता है उसका बड़ा कारण यह है कि शारीरिक परिश्रम करता है उसका पवन कौन शाकाहारी के साथ ग्रामीण परिवेश में उपजाई हुई सब्जी भी कारगर सिद्ध होती है क्योंकि आजकल सब्जी में भी केमिकल की मात्रा पाई जाने लगी है उसका शरीर पर सीधा प्रभाव पड़ता है व्यक्ति रोग रिश्ते होता हो जाता है इसलिए मूल रूप से व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर एक-दो घंटे योग व्यायाम के साथ शारीरिक परिश्रम अवश्य करें क्योंकि यह आधुनिक नियम अधूरे आधुनिक योग्य है और केमिकल की मात्रा सभी चीजों में पाई जाने लगी हैं इसका दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहा है साथी में उन्होंने कहा कि अपने डॉक्टर की सलाह बिना कोई भी एलोपैथिक या देसी दवाई का उपयोग बना जानकारी अभाव के नहीं करना चाहिए कोई भी दवाई ले रहे हैं तो उसका डॉक्टर से पूछ कर ही लेना चाहिए अन्यथा लाभ की जंग नानी भी हो सकती है