किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में
अधिवक्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण
शहडोल। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश महेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती कुमुदिनी पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 पर अधिवक्ताओं के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में श्रीमती कुमुदिनी पटेल ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उसके बच्चों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, इसलिए यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बन जाती है कि हम बच्चों का मार्गदर्शन करें और संवेदनशील तरीके से उनकी सुरक्षा के लिए काम करें।
बच्चों से जुड़े मुद्दे स्वभाव से बहुत संवेदनशील होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अधिवक्ताओं को बच्चों के साथ अपने ग्राहक के रूप में नहीं, बल्कि देश के भविष्य के रूप में व्यवहार करने की आवश्यकता है। बच्चों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए बार का सक्रिय समर्थन बहुत आवश्यक है।
इस कार्यक्रम में उपस्थित पैनल लॉयर्स ,बाल कल्याण अधिकारीगण, जिला बाल संरक्षण अधिकारियों, बाल गृह अधीक्षक एवं अधीक्षिका को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। जिला बालक संरक्षण अधिकारी , बाल संरक्षण अधिकारी एवं परिवीक्षा अधिकारी, अधीक्षक बाल गृह के कर्तव्यों व दायित्व के संबंध में जानकारी देकर उन्हें निष्ठापूर्ण अधिनियम के प्रावधानों के तहत निभाने के लिये प्रेरित किया गया। जिला संरक्षण अधिकारी द्वारा इस क्षेत्र में प्रचलित बच्चों के दागने की घटना के संबंध में ध्यान आकर्षित किया गया जिसके संबंध में सचिव द्वारा बताया गया कि बच्चों को दागना धारा 75 के अंतर्गत दंडनीय है जिसमें सजा क्रमशः 3 वर्ष , 05 वर्ष एवं 10 वर्ष के कारावास तथा 5 लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। कार्यक्रम में 16 से 18 वर्ष के बच्चों के द्वारा जघन्य अपराध किए जाने पर किशोर न्याय बोर्ड व बालक न्यायालय की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
इस कार्यक्रम में श्रीमती संजीता भगत, सहायक संचालक /अधीक्षिका बालिका संपे्रक्षण गृह, संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास उमाशंकर गुप्ता, पैनल लायर किशोर न्याय बोर्ड सतीश पाठक, महेन्द्र मिश्रा, अखिलेश गुप्ता, सुश्री उषा चौधरी एवं थानों में नियुक्त बाल संरक्षण अधिकारी, पैरा लीगल वांलेंटियर उपस्थित रहे।