संवाददाता रानू जावेद खान
जवेरा दमोह
बनवार विवेकानंद विद्यालय परिसर में चल रही भागवत कथा के छठवें दिन पंडित उमाशंकर शास्त्री ने कहा भगवान को कहीं खोजने की जरूरत नहीं है वह हम सब के हृदय में मौजूद है। अगर जरूरत है तो सिर्फ महसूस करने की। उन्होंने कहा भागवत कथा को हम यहां सुन रहे हैं वह भगवान भी इस भागवत कथा को सुनने के लिए धरातल पर आये थे। ये भागवत हमें सीधे श्रीकृष्ण के दर्शन कराती है और भागवत एक ऐसा कल्पवृक्ष है जिससे हम जो भी मागेंगे वो हमें अवश्य मिलेगा
शास्त्री ने कहा ये मानव जीवन हमे बार-बार नहीं मिलता इसका हमें दुरुपयोग नहीं अपितु सदुपयोग करना चाहिए। आज हमारे देश में गंगा, यमुना, गाय कुछ भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि आज हम अपनी संस्कृति को भूलकर संसार के मोहमाया में लिप्त है। जिस कार्य के लिए भगवान ने हमें ये मानव जीवन दिया है उससे हम भटक चुके है। हमारे देश को आज ऐसे युवाओं की जरूरत है जो अपने धर्म का प्रचार करने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और भगवान को भी ऐसे ही लोग प्रिय है जो अपने धर्म को बचाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो और आज के युवा ही हमारे आने वाले कल का भविष्य है। इसलिए हमें अपने साथ अपने बच्चों को भी यो कथा अवश्य सुनाना चाहिए। आज की कथा में श्री कृष्ण रुक्मणी उत्सव की कथा सभी भक्तों को विस्तार पूर्वक स्मरण करवाई सभी क्षेत्रवासी ग्राम वासी सम्मिलित रहे