सुदर्शन टुडे न्यूज जिला ब्यूरो चीफ हीरा सिंह उइके की रिपोर्ट
मंडला। स्वास्थ्य विभाग आखिर अपनी लापरवाहियों पर लगाम कसने पर जोर क्यों नहीं दे रही है, जिले में बैठे स्वास्थ्य विभाग के मुखिया की लापरवाही का शिकार हर कोई हो रहा है। आरबीएसके के चिकित्सकों की लापरवाही जिले में इस कदर हावी हो चुकी है कि मासूमों को मिलने वाली शासन की योजना का लाभ नाममात्र का रह गया है परन्तु जिम्मेदारों ने अपनी आंखों में भ्रष्टाचार की पट्टी बांध रखी है।
जिले में जिस दिन से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी डाॅं. कीर्ति चन्द्र सरोते ने संभाला है जिले में स्वास्थ्य विभाग शिकवा-शिकायतों, लापरवाहियों तथा भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है बावजूद इसके जिम्मेदार हाथ में हाथ धरे बैठे-बैठे कोई बड़े हादसा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
घर में बैठे-बैठे चिकित्सकों द्वारा फर्जी फील्ड रिपोर्ट तैयार की जा रही
डाॅंक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था तथा चिकित्सकों की वैसे भी कमियां बनी हुई है, आदिवासी बाहुल्य जिला में शासन-प्रशासन से मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं जिलेवासियों के लिए अमृत तुल्य है परन्तु जिले में आरबीएसके के चिकित्सकों ने इस अमृत को जहर बना रखा है, शासन द्वारा मासूमों को मिलने वाली आरबीएसके योजना मण्डला जिले में नकारा साबित हो रही है कारण जिले में आरबीएसके के चिकित्सक घर में बैठे-बैठे मनमानी फील्ड रिपोर्ट तैयार कर रुपए कमाने में व्यस्त हैं।इस खेल में सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया सबसे ऊपर है जहां आरबीएसके के चिकित्सक इस खेल को अंजाम दे रहे हैं।
जहां आरबीएसके के घर बैठे-बैठे मनमानी फील्ड रिपोर्ट तैयार करने में में व्यस्त हैं वहीं जिले में में बैठे आला-अधिकारियों द्वारा वाहनों के फर्जी बिल-बाऊचर लगाकर भ्रष्टाचार किए गए राशि का आपस में बंटवारा करने में जोर दे रहे हैं नतीजा चिकित्सक भी संरक्षण मिलते देख मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
इसके पहले भी सीएचसी बिछिया बीएमओ डॉ सज्जन सिंह उइके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं सीएचसी बिछिया में पदस्थ आरबीएसके के चिकित्सकों की लापरवाहियों का पर्दाफाश किया जा चुका है जिसे आला-अधिकारियों द्वारा जांच का आश्वासन देकर मामले को ले-देकर रफा-दफा कर दिया गया।
सीएचसी बिछिया से गायब है आरबीएसके के वाहन
सीएचसी बिछिया में आरबीएसके के तीन चिकित्सक हैं और तीनों चिकित्सकों ने सीएचसी बिछिया को अपना विश्राम ग्रह बना रखा है, वहीं कुछ चिकित्सक अपने माता-पिता के राजनीतिक चोला के नाम पर बगैर फील्ड-दौरा किए घर बैठे-बैठे आदिवासी मासूमों का इलाज रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और फील्ड विजिट हेतु वाहन का जो वजट राशि होता है उसे अधिकारियों के संरक्षण में पाई-पाई का बंटवारा किया जाता है नतीजा आये दिन मासूमों को जबलपुर-नागपुर रिफर किया जाता है, उक्त मामले की शिकायत सहायक संचालक जबलपुर एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डायरेक्टर भोपाल में की गई है जिसमें फर्जी रिपोर्ट तैयार करने वाले नेता चिकित्सक को हटाने को लेकर आला-अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया है।
इनका कहना है———-
01-मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही किया जावेगा।
आशीष झारिया
जिला अध्यक्ष
भारतीय युवा मोर्चा मण्डला।
02-आपके द्वारा पहले भी बिछिया का मामला संज्ञान में लाया गया था जिसको लेकर हमारे द्वारा कार्यवाही की गई थी,हम पुनः मामले की जांच कराते हैं।
शैलेन्द्र सिंग
डीपीएम एनएचएम मण्डला।