सुदर्शन टुडे समाचार बैतूल
आठनेर :- पंचायती राज व्यवस्था की परिकल्पना पर पानी फिरता नजर आ रहा है । चुनाव जीतने के तरीको में भी जनप्रतिनिधी ऩई टेक्नोलॉजी का उपयोग करने लगे हैं। चुनाव के एक दिन पहले रात में इस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता हैं। इस टेक्नालॉजी में सारे प्यादे काम पर लग जाते हैं। शाम, दाम, और भेद का उपयोग किया जाता है। कहीं-कहीं दंड का प्रावधान भी रहता हैं।जाहिर है जब इस टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा तो चुनाव में हुआ खर्च निकालने के लिए भी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जायेगा। पंचायत स्तर पर राशि देने में सरकार दिल खोलकर आबंटन देती है, पंचायते एक दूधारू गाय होती है, और यहीं से सभी अपने-अपने हिस्से का दूध निकालते रहते हैं। मामला ग्राम पंचायत बोरपानी जनपद पंचायत आठनेर का है जहां ग्राम पंचायत के सचिव, सरपंच एवं अधिकारियों के बंदर बांट से सरकार को लाखों का चुना लगाने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं परंतु बड़े अधिकारियो की साठ गांठ होने के कारण कार्रवाई के नाम पर महज खाना पूर्ति कर दी जाती है। ग्राम पंचायत बोरपानी में लगभग 7 लाख की लागत से निर्माधीन सीसी सड़क का घटिया निर्माण कार्य कर लाखों का चुना सरकार को लगाने का प्रयास किया जा रहा है।प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसूचित जनजाति सघन बस्ती विकास योजना के अंतर्गत लगभग 7 लाख की लागत से सी.सी सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसकी निर्माण एजेंसी स्वयं ग्राम पंचायत है ,ग्रामीणों ने नाम ना बताने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि पंचायत सचिव एवं इंजीनियर द्वारा साईं खेड़ा निवासी ठेकेदार द्धारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिससे ग्राम के मजदूरों के हित का हनन हो रहा है, ठेकेदार द्वारा कच्ची सड़क पर ही सीधा कांक्रीट का मसाला डालकर जैसे तैसे सड़क का निर्माण किया जा रहा है ,ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण के पूर्व गिट्टी के बेस की जगह मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है । जिसमें उच्चतम क्वालिटी का मटेरियल भी प्रयोग में नही लाया जा रहा है। सड़क निर्माण के दौरान सड़क पर तराई भी नही की जा रही है, जिससे सड़क निर्माण में की जा रही धांधली का पता चलता है इस संबंध में हमारे संवाददाता ने जनप्रतिनिधी सहित सब इंजिनियर से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, परंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया है ।संबंधित विभाग को चाहिए कि मामले की जांच कर निर्माण कार्य में हो रही धांधली पर रोक लगाई जाए।