सुदर्शन टुडे राहुल गुप्ता दमोह
दमोह- एकलव्य विश्वविद्यालय मैं नेक का तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राध्यापकों का प्रारंभ किया गया जिसमें विश्वविद्यालय को कैसे अपने आप में सुधारण बनाना है एवं वहा के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों में विशेष गुणवत्ता होनी चाहिए इस पर पहले दिवस प्रकाश डाला आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की प्रभारी डॉ.परली जेकब ने, एकलव्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया, प्रति कुलाधिपति, पूजा मलैया एवम, रति मलैया के कुशल नेतृत्व एवम कुलपति प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार जैन एवम कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा के निर्देशन में किया जा रहा है।प्रशिक्षण दूसरे दिवस भी प्रशिक्षण प्राध्यापकों को कराया गया जिसमें बताया गया खेल के माध्यम से की टीम वर्क कैसे किया जाता है अगर एक टीम एक ही विचारधारा करके कोई भी खेल को खेलता है तो उसकी जीत सुनिश्चित ही होती है क्योंकि टीम भावना में एक नई ऊर्जा और शक्ति बनी होती है एक दूसरे से तालमेल बना रहता है और खेल-खेल के माध्यम से डॉ. अर्चना पाठक एकेडमिक डीन ने भी बताया कि अगर हम सब एक साथ मिलजुल कर किसी भी काम को करें तो उसमें सफलता मिलना सुनिश्चित है, डॉ परली जेकब ने सभी अध्यापकों को बताया कि अगर हम किसी काम को करते हैं और फिर उसका फीडबैक देते हैं तो फीडबैक के माध्यम से पता चलता है कि कार्य करने की क्षमता किसकी क्या है और यदि उसे कार्य करने की क्षमता में कहीं कोई कमी नजर आती है तो हमें उसे कमी को दूर करना चाहिए सकारात्मक रूप से लेना चाहिए ना कि नकारात्मक रूप से अगर हम अपने कर्मियों को दूर करके उसे और अच्छा काम करेंगे तो जरूर उसमें हमारी और हमसे जुड़ी हुई संस्थान की गुणवत्ता बढ़ती है, और संस्था के उद्देश्य के अनुसार अगर सभी कर्मचारी अपने उद्देश्य को जोड़ लेते हैं तो गुणवत्ता एवं वहा की जो भी व्यवस्थाएं हैं उसमें उन्नति होती है विद्यार्थी की संस्कृति हर संस्था की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तो सबसे पहले शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक को अपनी योग्यता को हमेशा विशेष गुणवत्ता के साथ निखारते रहना चाहिए जिससे वह अपने विद्यार्थियों को विशेष बना सके प्रशिक्षण मे डॉ. अर्चना पाठक डीन एकेडमिक एकलव्य विश्वविद्यालय,ओजस्विनी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ शमा जेपी खानम, शैक्षणिक विभाग से डॉ आरती तिवारी,के साथ सभी प्राध्यापको की उपस्थिति रही ।