सुदर्शन टुडे संवाददाता शिवशंकर राठौर
झिरन्या। खरगोन जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील झिरन्या में अधिकारी/कर्मचारियों एवं पटवारियों के रिक्त पद होने से क्षेत्र के विशेषकर किसान भाईयों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वर्तमान में एक पटवारी के पास चार चार ग्राम पंचायती का चार्ज है। इस तरह लगभग एक पटवारी के पास 12 से 14 गाँव का प्रभार होने के कारण पटवारी भी परेशान है। किसानों के साथ साथ झिरन्या तहसील में नायब तहसीलदार खाद्य निरीक्षक एवं पटवारियों के 46 पद राजस्व निरीक्षक के 02 पद भृत के 02 पद एवं बाबू के 02 पद रिक्त होने से निश्चित ही शासकीय कार्य समय पर नहीं हो पा रहे है और इसका खामियाजा झिरन्या क्षेत्र के समस्त जनता को भुगतना पड़ रहा है। पदस्थ पटवारियों की यह स्थिति है कि, अधिकांस पटवारी खरगोन में निवास करते है। माह में एक बार मासिक बैठक में उपस्थिति रहते है। जब कोई क्षेत्र का कृषक अथवा ग्रामीण जन अपने काम के लिये पटवारी को टेलीफोन लगाता है तो अधिकांस पटवारी टेलीफोन नहीं उठाते है। इस तरह ग्रामीण जन प्रतिदिन तहसील कार्यालय में बैठकर पटवारी के आने का इंतजार करते रहते हैं। यहाँ यह कहना भी विडंबना है कि जिले के राजस्व के अधिकारी आखिर झिरन्या तहसील के साथ सोतेला व्यवहार क्यों कर रहे है। इतने सारे पटवारियो के रिक्त पद आखिर क्यों नहीं भरे जा रहे है। खाद्य निरीक्षक नहीं होने से उचित मुल्य की दुकानों पर भारी अनियमियताये हो रही है। उसे देखने वाला कोई नहीं है। क्षेत्र की ग्रामीण जनता एवं कृषक गण इसका खामियाजा भुगत रहे है। क्षेत्र के अपने आप को जागरूक कहलाने वाले नेता गण भी मोन है और व भी कुछ नहीं कर पा रहे है।
झिरन्या तहसील में नायब तहसीलदार खाद्य निरीक्षक राजस्व निरीक्षक एवं 46 पटवारियो के पद वर्षों से रिक्त होने से
तहसील के ग्रामीण एवं कृषक जन परेशानी भुगत रहे है।