इंट्रो रेत से ओवरलोड वाहन जिले की सड़कों का दम निकाल रहे हैं। आलम यह है कि चंगेरी रेत खदान से लेकर अनूपपुर जिले की ओर जाने वाली सड़कों एक पट्टी ओवर लोडिंग की वजह क्षतिग्रस्त हो रही है। जो कि साफतौर पर इस बात की गवाही दे रही है कि ओवर लोडिंग से उसका दम निकल रहा है। बावजूद प्रशासन रेत से ओवर लोड वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। वहीं रेत से भरे ओवर लोड डंपर और ट्रक के कारण ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें पूरी तरह से खराब हो चुकी है। स्थिति यह है कि बिजुरी, निगवानी, कोतमा के तहसील रोड सहित अंचल में अन्य क्षेत्रों की सड़कें पूरी तरह से खराब हो गई हैं। अधिक भार के बाद जब प्रधानमंत्री सड़क योजना की कम क्षमता वाली सड़कों पर डंपर तेज रफ्तार से दौड़ते हैं, तो सड़क कुछ माह में गड्ढों में तब्दील हो जाती है।
अनूपपुर रेत से ओवरलोड वाहन जिले की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं। इन वाहनों में सबसे अधिक ट्रक और डंपर हैं। स्थिति यह है कि सड़काें पर दौड़ रहे वाहनों के चालकों को अब किसी का कोई खौफ नहीं रहा, पहले यह लोग रात के अंधेरे में चोरी छिपे शहर के अंदर से रेत को मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में बेचने के लिए ले जाया करते थे। लेकिन अब तो आलम यह है कि दिन के उजाले में भीड़ भाड़ भरे इलाके से लाइन लगाकर गुजरते हैं। जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। साथ ही सड़क पर चलने वाले लोग भी खौफजदा रहते हैं। हालांकि इनको रोकना अपनी मौत को न्यौता देने जैसा है। खास बात यह है कि यह ओवर लोड शहर के दो पुलिस थानों के सामने से रोजाना गुजरते हैं। उसके बाद भी इन रेत से भरे ओवर लोड वाहनों पर पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि जिले में रेत का अवैध उत्खनन जोरों पर चल रहा है। खदानों से बड़ी मात्रा में ओवरलोड रेत से भरे वाहन निकल रहे हैं। यह रेत मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के जिलों में सप्लाई किया जा रहा है। स्थिति यह है कि यह रेत से भरे वाहन सड़कों पर काफी तेज गति से चलते हैं। ऐसे में सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों को दुर्घटना होने का डर लगा रहता है। वहीं रेत से भरे इन लोडिंग वाहनों के द्वारा पहले भी कई दुर्घटना की जा चुकी हैं। साथ ही यह लोडिंग वाहन रेत भरकर शहर के देहात थाने और सिटी कोतवाली के सामने से दिन और रात में बड़ी संख्या में निकल रहे हैं। उसके बाद भी इन वाहनों पर कार्रवाई नहीं जाती है।
थानों के सामने गुजर रहे ओवरलोड वाहन
जिले के रेत माफिया में पुलिस का भय पूरी तरह से निकल चुका है। स्थिति यह है कि रेत से भरे ओवरलोड वाहन खुलेआम सिटी कोतवाली, देहात थाना, सहित कोतमा थाने के सामने से गुजरते हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन कभी उन्हें टोकता तक नहीं है। वहीं परिवहन विभाग ने रेत से ओवरलोड वाहनों की ओर देखना ही बंद कर दिया है। जबकि खनिज महकमा बल की कमी बताकर शांत रहता है।रेत से ओवरलोड वाहन जिले की सड़कों काे कर रहे बदहाल रेत से भरे ओवर लोड वाहनों का शहर में प्रवेश और उनकी रफ्तार पर अंकुश नहीं है।
नहीं रुक रहा अवैध खनन
शासन की ओर से जिले में कटकोना, गुलीडांड, सारंगढ़, रेत खदानों को अभी चालू नही किया गया है। लेकिन उसके बाद भी यहां पर रात के समय काफी बड़े स्तर पर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। खास बात यह है कि इन खदानों से माफिया के लोग रेत भरकर रॉयल्टी लीगल खदान की कटा रहे हैं। इस संबंध में वहां के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
पुलिस-माफिया की सांठगांठ
जिले की सड़कों पर बैखौफ होकर रेत से भरे ओवर लोड वाहन दौड़ रहे हैं। इन वाहन चालकों को किसी का डर नहीं है। स्पष्ट है कि पुलिस और रेत माफिया की आपसी सांठगांठ है। वहीं 25 नवंबर को पटवारी प्रसन्न सिंह की मौत रेत का परिवहन करने वाले एक ट्रैक्टर द्वारा कुचलने से हुई थी।
दो सौ वाहन निकलते हैं
शहर के पुलिस थानों के सामने से दिन और रात में करीब दो सौ से तीन सौ रेत से भरे ओवर लोड वाहन निकलते हैं। इन वाहनों के कारण से जिले की सड़कें बदहाल हो चुकी हैं। वहीं इन वाहनों में अधिकांश वाहन जिले के बाहर अन्य जिले के सत्ता दल के नेताओं के होने से पुलिस कार्रवाई करने से डरती है।