एक लाख से अधिक जन संख्या में देखने पहुंचे समाज गुड़ तोड़ उत्सव
खरगोन से संवादाता शाहिद खान की रिपोर्ट
फाग उत्सव के दूसरे दिन हुआ आयोजन 2 वर्ष के अंतराल में होता है यह कार्यक्रम बालिकाओं द्वारा युवाओं कि टोलियों पर बरसाई सोटिया
देखिए यह अनूठी परंपरा
खरगोन जिले के आदिवासी अंचल धूलकोट में गुड़ तुड़ाई की परम्परा बर्षो से चली आ रही है जिसमे एक लकड़ी पर गुड़ और चने की पोटली बाँध दी जाती है और फिर युवा उसे तोड़ने के लिये ऊपर चढ़ता है जिसे गुड़ तोड़ते समय सोटिया खाना पड़ती है जिसके लिये बालिकाओ की टोली सोटिया बरसाती है और मार खाकर गुड़ तोड़ने की इस परम्परा में लाखो की तादाद में समाज के लोग आकर मनोरंजन करके परम्परा निर्वहन में सहभागी बनकर लुत्फ़ उठाते है।
बता दे दो वर्ष के अंतराल में आयोजन किया जाता है और 103 वर्षो से आदिवासी समाज यह परम्परा निभाते चला आ रहा है जहाँ खरगोन बड़वानी बुरहानपुर खंडवा जिले के आसपास के क्षेत्र से दूरदराज से लोग देखने पहुंचे गांव के पटेल विजय सिंह सोलंकी द्वारा भूमि पूजन किया गया इसके बाद गड्ढा खोदकर 12 फीट का खंबा गाड़ दिया जाता है उस पर एक लाल कपड़े में गुड व चने की पोटली बांधकर लटका दी गई उसे उतारने के लिए युवाओं की टीम सोटियों के मार से बचकर पहुंचती है इन पर सोटिया बरसाए जाती है जिसे 7 बार पोल पर बांधा जाता है 7 बार उसे युवाओं की टोलियां द्वारा उसे उतारने के लिए जी जान लगा देते हैं अंतिम बार में मुकेश मंडलोई द्वारा तोड़ा गया।
इस दौरान आदिवासी गीतों पर समाज जमकर थिरकता दिखाई दिया।