करंजिया:- मुख्यालय एवं आसपास के क्षेत्र में नागपंचमी का त्यौहार बड़े धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है पूजा अर्चना, सत्संग का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है ! इससे हटकर विशेष आयोजन मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम तरेरा के पेपर टोला में नाग पंचमी के दिन आयोजित किया जाता है, पीपर टोला स्थित अखाड़े में नाग पंचमी के दिन सांप से कटे हुए व्यक्ति के शरीर से जहर निकाला जाता है जहां लोग आस्था एवं विश्वास लिए दूरदराज से आज के दिन एकत्रित होते हैं । ग्राम तेरेरा पीपरटोला सांप का जहर निकालने के लिए मशहूर है प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन व्यक्तियों को सांप दाश लेता है वह सांप का जहर के इलाज के लिए अस्पताल और डॉक्टर को छोड़ इस गांव में स्थित अखाड़े में आते हैं , अखाड़े के पांडों के द्वारा मंत्र शक्ति से उस व्यक्ति का जहर शरीर से खींच कर निकाला जाता है लोगों का कहना है कि वह इस विधि से पूर्ण स्वस्थ भी हो जाते हैं मुख्यालय सहित आसपास एवं दूर दराज के लोग यहां पर समस्याएं लेकर आते हैं और स्वस्थ होकर वापस भी जाते हैं । **क्या होता है नाग पंचमी में** उपस्थित लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन व्यक्तियों को सांप काटता है वह यहां पर आते हैं और अखाड़े में उपस्थित पंडो जिन्हें नाग का भाव चढ़ता है उन वरुओं के द्वारा उनका जहर खींचकर निकाला जाता है उनके द्वारा अखाड़े की धूनी एवं मंत्र के द्वारा जल बनाकर दिया जाता है जिससे सांप के द्वारा काटे गये व्यक्ति का जहर उतर जाता है और वह स्वस्थ हो जाते हैं । जानकारी देते हुए बताया कि जिनको सांप काटने का प्रभाव बाकी रहता है उन्हें साल में दो बार नाग पंचमी एवं रंग पंचमी के दिन बुलाकर बाकी बचा पूरा जहर निकालकर पूर्णता स्वस्थ कर दिया जाता है । **ऐसे होता है कार्यक्रम** नाग पंचमी के दिन गांव के सभी पंडे अखाड़े में एकत्रित होते हैं पूजा पाठ के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होती है ग्राम में स्थित ठाकुर देव एवं पूजा स्थल पर विशेष पूजा पाठ किया जाता है इसके पश्चात अखाड़े में उपस्थित हुए लोगों का क्रमवार नाम लिखकर उनका इलाज किया जाता है पंडा के द्वारा मंत्र पढ़कर जिस व्यक्ति के शरीर में जहर बच गया है उनका जहर एक विशेष प्रकार की लकड़ी व चिमटे से मुंह के द्वारा किया जाता है जिसके पश्चात उन्हें पानी छिड़ककर नहाने के लिए भेज दिया जाता है ।इसके बाद प्रभावित व्यक्ति स्नान करके शुद्ध होकर अखाड़े में पुनः आता है एवं अखाड़े की धूनी एवं प्रसाद प्राप्त कर अपने घर चले जाते हैं । इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी व्यक्ति से अखाड़े में कोई भी राशि या दान राशि नहीं ली जाती है व्यक्ति नारियल, अगरबत्ती एवं सीधा सामान इच्छा अनुसार अखाड़े में प्रसाद के रूप में चढाते हैं । जिसका प्रसाद एवं भंडारा बनाकर उपस्थित लोगों को बांट दिया जाता है । अखाड़ा विगत कई वर्षों से स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा चलाया जा रहा है और यहां पर लोग स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त करते हैं । नागपंचमी एवं रंग पंचमी के दिन यहां पर सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है सुबह से लेकर शाम तक इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है । इनका कहना :- **हम लोग हर नागपंचमी एवं रंग पंचमी को एकत्रित होते हैं हमें यहां लाभ भी मिलता है सेवा सिंह श्रद्धालु ग्रामीण** **यहां पर आने वाले लोग जिन्हे सांप ने काटा है उनका नागपंचमी एवं रंग पंचमी मे दो बार आयोजन होता है:- सुखदेव सिंह ग्राम पीपरटोला तरेरा