संवाददाता आनंद राठौर
बड़वाह नगर से ग्रामीण अंचलो मे दूध में मिलावट का नया फंडा सामने आया है।एसा ही एक मामला ग्राम जेठवाय घोघनाथ नाया बामनपूरी पिढाय ससलिया तालाब बेरफड़ जुजाखेड़ी अस्तरिया बेलम बुजुर्ग सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रो मे कई दूध उत्पादक इसमें तेल शक्कर यूरिया मिला रहे हैं।दूध को गाढ़ा करने और इसमें फेट की मात्रा ज्यादा करने के लिए यह मिलावट की जा रही है।ज्यादातर दूध उत्पादक यह दूध प्राइमरी मिल्क कलेक्शन-पीएमसी सेंटर्स पर बेच रहे हैं।यहां दूध के दाम अधिक मिलने के फेर में यह कारस्तानी की जा रही है।क्षेत्र में बड़े पैमाने पर यह काम चल रहा है।क्षेत्र में एक सेंटर के संचालक ने बताया कि कई किसानों द्वारा दूध में ऐसी मिलावट की जा रही है।किसानों द्वारा दूध में तेल शक्कर यूरिया मिलाया जा रहा है।इसके साथ ही कई दूध उत्पादक तेल भी मिला रहे हैं। घी और तेल मिलाकर दूध में फैट बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।नुकसान की भरपाई के प्रयास दूध के व्यवसाय में हो रहे नुकसान की भरपाई करने के लिए कुछ दूध उत्पादक नये-नये फंडे आजमाते हैं। दूध के भाव कम होने से दूध उत्पादकों को घाटा हो रहा है। दरअसल क्षेत्र में संचालित पीएमसी सेंटरों पर फैट के आधार पर दूध के दाम तय किए जाते हैं। यहां लगी मशीनों में दूध का फैट निकालकर मूल्य तय होता है।इसे देखते हुए कई ग्रामीण दूध में फैट बढ़ाने के लिए मिलावट कर रहे हैं खराब हो रहा दूध का स्वाद दूध में हो रही इस मिलावट से दूध का स्वाद खराब हो रहा है।वहीं तेल शक्कर यूरिया कुछ देर बाद दूध में अलग तैरता नजर आने लगता है।इससे परेशान पीएमसी सेंटर के संचालकों ने ऐसे किसानों का दूध लेना बंद कर दिया है।कुछ संचालकों ने बताया कि पहले दूध को मशीन में डालकर फैट निकालकर टंकी में डाल लिया जाता था परंतु कुछ किसानों की हरकत के बाद सभी पर संदेह होने लगा है।अब दूध को पहले ही पीकर देखा जाता है, इसके पश्चात ही खरीदी की जाती है।
*शक्कर और सोडियम बाई कार्बोनेट की भी मिलावट*
कुछ दूध उत्पादकों द्वारा एसएनएफ बढ़ाने के लिए दूध में शक्कर का प्रयोग भी किया जा रहा है। शाम के समय दूध निकलने के बाद ग्रामीण उसकी क्रीम निकाल कर अलग कर लेते हैं। इस दूध को खराब होने से बचाने के लिए सोडियम बाई कार्बोनेट मिलाकर रातभर रखकर दूसरे दिन पीएमसी सेंटरों पर बेच देते हैं।
*इनका कहना है*
– दूध में तेल शक्कर यूरिया मिलाना नियमविरुद्ध है।जांच करने के बाद ऐसे दूध उत्पादकों पर कार्रवाई की जाएगी।
*नरसिंग सोंलकी जिला खरगोन*