पीथमपुर/ युवा कांग्रेसी नेता नितिन पटेल राजनीति की गुटबाजी का शिकार राजनीतिक सक्रियता से दूर रहे, लेकिन जिला अध्यक्ष के बदलते ही जिले में राजनीति के समीकरण भी बदलने लगे है। आगमी विधानसभा चुनाव को देखते हुवे जिले के रिक्त संगठन के पदों पर जिला अध्यक्ष द्वारा ताबड़तोड़ नियुक्तियां की जा रही हे। ऐसे में पीथमपुर की राजनीति के नितिन पटेल को जिला सचिव के पद पर काबिज कर बिजेपी की नीद उड़ाने का काम किया है। पटेल की नियुक्ति से जहा राजनीतिक गलियारों में हलचल बड़ गई हे वही मजदूर वर्ग में खुशियों का माहोल है। पटेल सक्रिय राजनीति में करीब बीस सालों ने दूर थे फिर भी वह अपने स्तर पर जनहित के लिए समय-समय पर पीथमपुर की समस्याओं को उठाते रहे, विपक्ष के खिलाफ भी अपनी भूमिका निभाते रहे, पूर्व में नितिन पटेल जब सक्रिय थे तब तथा श्रमिकों के अधिकार के लिए संघर्ष करते रहें, मजदूरों को संगठित कर उनके अधिकारों के लिए लड़ते रहें श्रमिक नेता के पद पर ना रहते हुए भी, श्रमिको की मदद करने पर वह क्षेत्र में श्रमिक नेता के नाम से जाने जाते हैं, हमेशा उन्होंने गरीब तबके की मदद की, आयशर के पास की झुग्गी झोपड़ी हो,या मुख्य नगरपालिका के आसपास रहने वाले लोगों की बात या माता टेकरी पर रहने वाले जनमानस की बात हो, उन्होंने हमेशा उन लोगों का साथ देकर उन्हें वहां पर स्थापित रहने के लिए काफी मेहनत की। पटेल पुर्व नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी के खास माने जाते थे, उनके निधन के बाद मानो जैसे उनके सर से राजनीतिक साया ही उठ गया हो, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने स्तर पर क्षेत्र में होने वाले अच्छे कामों को सराहा , गरीब और श्रमिक वर्ग को मिलने वाली सुविधाओं को, हमेशा उन्होंने प्राथमिकता दी है। पटेल के जिला सचिव पद पर काबिज होने के बाद पीथमपुर की राजनीति नए आयाम छुएगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।