मंडला से सुदर्शन टुडे न्यूज जिला ब्यूरो चीफ हीरा सिंह उइके की रिपोर्ट
मंडला:- मंडला जिले के कान्हा नेशनल पार्क में इन दिनों वन्य प्राणियों के दीदार हो रहे है, पर्यटकों का कान्हा पार्क आना सार्थक हो रहा है। पार्क में बाघ के दीदार कर पर्यटक इस पल को यादगार बना रहे है। कान्हा पार्क में सुबह और शाम की पाली में सैलानियों को बाघ समेत अन्य वन्यप्राणियों के दीदार हो रहे है। विगत कुछ दिनों से कान्हा पार्क में बाघ आसानी से पर्यटकों को देखने मिल रहे है। सुबह की पाली में सफारी करने आए सैलानी बाघ के दीदार के लिये कान्हा जोन का भ्रमण कर रहे थे। उसी दौरान पर्यटकों को नीलम बाघिन समेत अन्य बाघ के दीदार आसानी से हो रहे है। पर्यटकों के लिए बाघ का दीदार अविस्मरणीय बन रहा है।
पार्क में दिख रहे बाघों के दीदार का यह दृश्य पर्यटक अपने कैमरे में भी कैद कर उसे यादगार बना रहे है। कान्हा पार्क में इन दिनों सैलानियों की संख्या तो कम ही है। वहीं पर्यटकों को बाघ के दीदार करने का मौका मिल रहा है। कान्हा में घने जंगल के बीच वन्यप्राणियों को विचरण करते देख पर्यटक काफी आनंदित हो रहे हैं। पार्क में बाघ के अलावा हिरण, बारहसिंघा, सियार, बायसन समेत अनेक वन्यप्राणी देखने को मिल रहे हैं। इस समय कई बाघिन अपने शावकों के साथ पर्यटकों को देखने मिल रही हैं। इनमें नीलम और नैना बाघिन प्रमुख हैं। वहीं कुछ दिनों से पार्क में मोहनी नाम की बाघिन, नीला नाला बाघ, टी-18 बाघ भी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
बता दे कि कान्हा टाइगर रिजर्व में जहां एक और पर्यटकों का आना हर दिन लगा हुआ है। खासकर पार्क में पर्यटक छुट्टी के दिन पर्यटक कान्हा पहुंच रहे हैं तो वहीं कान्हा के वन्यप्राणी जिसमें बाघ भी पर्यटकों के लिए आसानी से नजर आ रहे हैं। कान्हा पार्क में ऐसा कोई दिन नहीं गया है जब कान्हा में आई पर्यटकों के इस बार मायूस होना पड़ रहा है। जनवरी माह में कान्हा पार्क में बाघ के दीदार प्रेरकों को हर रोज हो रहे हैं। बुधवार को तो पर्यटकों के लिए कुछ खास दिन रहा यहां कान्हा की नीलम बाघिन पर्यटकों को अपने-अपने अंदाज में दिखाई दिए।
अविस्मरणीय रहा शिकार का दृश्य
विगत कुछ दिनों से कान्हा पार्क में बाघ आसानी से पर्यटकों को देखने मिल रही है। शनिवार को सफारी करने आए सैलानी बाघ के दीदार के लिए कान्हा पार्क का भ्रमण कर रहे थे। उसी दौरान एक बाघ दौड़ते हुए दिखाई दिया। बाघ को देख पर्यटकों का रूख उसकी तरफ हो गया। दौड़ता हुआ बाघ पार्क में विचरण कर रहे अपने शिकार का पीछा करते हुए लपक लिया और मुंह में दबाते हुए जंगल की तरफ अपना रुख कर लिया। यह दृश्य पार्क में भ्रमण कर रही जिप्सी में सवार पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय बन गया।