नीलेश विश्वकर्मा/ दमोह /पथरिया
पथरिया सब्जी मंडी में बनाए गए समर्थन मूल्य चना खरीदी केंद्र पर चना की क्वालिटी में मीनमेख निकालकर उसे घटिया बताकर केद्र प्रभारी के अधिकारी कर्मचारी खरीदने से इंकार कर रहे हैं। जिससे किसानों के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं चने में छलना लगाकर मिट्टी, डंठल अलग करने के बाद भी सर्वेयर द्वारा चने के सिकुड़ा होने का बहाना बनाकर किसानों को बेवजह परेशान किया जा रहा है इन तमाम अव्यवस्थाओं के बरकरार रहने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी खामोश बने हुए हैं। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंचों से अपने भाषण में प्रदेश की बीजेपी सरकार को किसान हितैषी बता रहे हैं। किसानों की उपज का एक-एक दाना खरीदने का दावा कर रहे हैं। ऐेसे में सीएम का दावा सर्वेयर और चना समर्थन मूलय केंद्र केवलारी के समिति प्रबंधक वीरेंद्र पटेल हवा में उड़ा रहे हैं।चना की क्वालिटी टेस्ट
समर्थन मूल्य पर चना खरीदी केंद्रों पर सबसे बड़ी समस्या किसानों की चना की क्वालिटी को लेकर सामने आ रही है। जो किसान फिलहाल चने की उपज लेकर आ रहे हैं। उसमें एफएक्यू के नॉम्र्स के मुताबिक काफी कमियां देखने को मिल रही हैं। नॉम्र्स के अनुसार चना में 12 प्रतिशत से अधिक नमी नहीं होना चाहिए। एवं जीरो परसेंट तेवड़ा होना चाहिए इसके साथ ही मिट्टी कचरा और सिकुड़े हुए दाने और दूसरी उपज के दाने 3 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। एफएक्यू के ये मापदंड पूरा होने के बाद ही किसानों का चना खरीदे जाने योग्य है।
जिसको लेकर किसान दीपक उपाध्याय के द्वारा मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्रालय भोपाल पत्र लिखा गया था जिसके अनुसार मशहूर एवं सरसों की खरीद से संबंधित अनियमितता की शिकायत की गई थी जिसके चलते दमोह कलेक्टर के द्वारा तीन सदस्य जांच दल गठित किया गया जिसमें अधिकारी राजेश कुमार प्रजापति उपसंचालक कृषि दमोह राजेश डावर सहायक आयुक्त सहकारिता दमोह श्याम जी मिश्रा जिला विपणन अधिकारी दमोह के द्वारा आज जांच की गई जिसमें पाया गया कि खरीदी केंद्र पर अनियमितताएं हैं शासन के जीरो परसेंट तेवड़ा होने के नियम के चलते केवलारी खरीदी केंद्र वीरेंद्र पटेल के द्वारा तेवड़ा मिला चना खरीदा गया है साथ ही शासन की गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ाई गई सर्वेयर रामगोपाल पटेल के द्वारा निजी लाभ के चलते खरीद लिया जाता है जो किसान नियमानुसार अपन माल बेचना चाहता है उसका माल रिजेक्ट कर दिया जाता है एवं किसानों बताया कि माल का परिवहन ना होने की वजह से तीन से चार चार दिन खरीदी नहीं हो पा रही है जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जांच करने आए श्याम जी मिश्रा ने बताया कि शिकायत के अनुसार कथन लिए जा रहे हैं कथन के आधार पर कार्यवाही की जाएगी जब उनसे पूछा गया कि आपने गोदाम में क्या पाया तो उन्होंने बताया कि शासन के नियम के बाद भी देवड़ा मिला चना पाया गया है जो वेयरहाउस से रिजेक्ट कर दिया जाएगा।