सुदर्शन टुडे ब्यूरो रिपोर्ट कानपुर आचार्य बजरंग प्रसाद तिवारी
भारतीय समानता पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंबरीश कांत द्विवेदी ने भारत में हो रही राजनीतिक पार्टियों द्वारा तुष्टीकरण की राजनीति पर सवाल उठाते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा की किसी भी धर्म ग्रंथों पर किसी व्यक्ति विशेष को अभद्र टिप्पणी या बिना सोचे समझे बिना अर्थ समझे टिप्पणी नहीं करना चाहिए इससे सामाजिक व्यवस्था बिगड़ती है जबकि भारतीय समानता पार्टी में जाति पात धर्म भेदभाव छुआछूत नहीं मानती है हमारी पार्टी भारत देश में अन्य सभी विपक्षी पार्टियों एवं सत्ताधारी पार्टियों से कुछ अलग करने आई है कोई किसी के धर्म पर उंगली उठाए हम इसका पूर्णतया विरोध करते हैं मैं यह कहना चाहता हूं कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं इस पर मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा की जाति पंडितों ने बनाई है मैं कहना चाहूंगा कि मोहन भागवत 60 वर्ष के ऊपर हो चुके हैं उनकी मति और सोच दोनों बदल चुकी है इनको अपने बयान में किसी एक जाति को लेकर बयानबाजी नहीं करनी चाहिए स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी ख्याति अर्जित करने के लिए रामचरितमानस पर सवाल खड़े कर दिए जबकि उनको यह ज्ञान नहीं है की रामचरितमानस सभी ग्रंथों का सार है देश संविधान के तहत कानून के द्वारा चल सकता है लेकिन संसार भगवान राम के ही पद चिन्हों पर चलेगा मैं विगत 20 वर्षों से देख रहा हूं कि भारतीय राजनीति में अनेक विषयों पर सवाल उठाए जाते हैं हर कोई पार्टी अपनी ख्याति पाने के लिए बिना सोचे समझे जाति पात धर्म पर् बड़े आसानी से कह जाता है इससे हमारे जनमानस में आपसी द्वेष की भावना उत्पन्न होती है जोकि भारतीय समानता पार्टी नहीं चाहती हम जब भी सत्ता में आएंगे तब इन तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को सबक सिखाएंगे
सुदर्शन टुडे ब्यूरो रिपोर्ट कानपुर आचार्य बजरंग प्रसाद तिवारी