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शंकर नगर के 105 वर्ष प्राचीन श्री माता मंदिर का इतिहास जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान, दूर-दूर तक फैली है ख्याति

धर्ममय हुआ शंकर नगर, पंच कुंडीय महायज्ञ में आहुति डाल रहे श्रद्धालु

सुदर्शन टुडे समाचार जिला ब्यूरो चीफ रामेशवर लक्षणे बैतूल

बैतूल। 105 वर्ष प्राचीन सिद्ध पीठ श्री माता मंदिर शंकर नगर का जीर्णोद्धार कार्य संपन्न हो गया है। इस अवसर पर श्री माता मंदिर समिति शंकर नगर द्वारा पंच कुंडीय महायज्ञ एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

बनारस के यज्ञ आचार्य पंडित नरेंद्र त्रिपाठी द्वारा पूरे विधि विधान के साथ पंच कुंडीय महायज्ञ एवं प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान किया जा रहा है। गुरुवार को 80 वर्षीय बुजुर्ग शिक्षक दंपत्ति भी यज्ञ में आहुति डालने पहुंचे थे।

उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार को शोभायात्रा के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ किया गया। बुधवार को सभी देवी देवताओं की मूर्ति का अन्नाधिवास एवं घृताधिवास किया गया। वहीं 9 फरवरी गुरुवार को फलाधिवास एवं पुण्याधिवास का अनुष्ठान किया गया। पंच कुंडीय महायज्ञ एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बड़ी संख्या में शहर के श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सभी श्रद्धालु पंच कुंडीय महायज्ञ में आहुति डालकर धर्म लाभ अर्जित कर रहे हैं। शंकर नगर का वातावरण धर्ममय हो गया है।

लगभग एक करोड़ की लागत से बना है मंदिर

श्री माता मंदिर समिति से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 2 वर्षों से मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है। इसके पूर्व वर्ष 2001 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। अभी मंदिर का निर्माण वेदिया राजस्थान के कलाकारों द्वारा किया गया है। वहीं मंदिर का शिखर निर्माण नांदेड के कलाकारों द्वारा किया गया है।

मंदिर को कलाकारों द्वारा जबरदस्त भव्यता प्रदान की गई है। शिखर में कलाकारों ने आकर्षक कलाकृतियां बनाई है। शिखर दर्शन से ही इस मंदिर की भव्यता उजागर हो रही है। मंदिर का निर्माण जन सहयोग से किया गया है इसमें बड़े दानदाताओं की मुख्य भूमिका रही है।

प्राचीन श्री माता मंदिर का यह है इतिहास

शंकर वार्ड के बुजुर्गों के अनुसार श्री माता मंदिर के स्थान पर पहले प्राचीन मूर्तियां स्थापित थी। दूर-दूर से लोग यहां पूजा करने आते थे। वर्ष 1917 के दशक में इस मंदिर की महिमा दूर दूर तक फैली हुई थी। यही कारण है कि आज भी हजारों श्रद्धालु इस मंदिर से जुड़े हुए हैं। इस मंदिर की ख्याति को देखते हुए श्री माता मंदिर निर्माण के लिए बडोरा निवासी शंकर लाल पटेल के नाती देवनारायण पिता शिवचरण सरले द्वारा वर्ष 1917 में जमीन दान दी गई थी।

इसी जमीन पर मंदिर का निर्माण किया गया है। भूमि श्री माता मंदिर के नाम से रजिस्टर्ड है। इस भव्य आयोजन में समिति द्वारा जमीन दान दाता का भी फ्लेक्स लगा कर रखा है ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के इतिहास और महान दानदाताओं से परिचय हो सके।

10 को होंगे यह अनुष्ठान

10 फरवरी शुक्रवार को भगवान की प्रतिमाओं का शक्कराधिवास, वनस्वतिधिवास स्नपन स्नान (महास्नान), 11 फरवरी दिन शनिवार को अभिजीत मुहुर्त में मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा तथा पूर्णाहुती एवं महाआरती, 12 फरवरी रविवार को विशाल भंडारा एवं खेड़ापति जागरण ग्रुप द्वारा भव्य देवी जागरण का आयोजन किया जाएगा।

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