भैंसदेही:- अष्टम दिन शिव महापुराण की कथा में ईश्वर की भक्ति का महत्व बताया सुंदर भजनों की प्रस्तुति पर जमकर झूमे श्रद्धालु।गर्मी और धूप की अनदेखी कर श्रद्धालु कथा सुनने के लिए 12 बजे से शाम पांच बजे तक पंडाल में बैठे रहे।श्री आर्य परिवार बाबा महाकाल के परम भक्त त्रिमूर्ति कहे जाने वाले कृष्णा कमल श्याम द्वारा आयोजित शिव महापुराण की कथा का गुरुवार को आटवा दिन रहा। कथा श्रवण करने के लिए हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या में खासी बढ़ोतरी हो रही। आयोजनकर्ता को हर दिन पंडाल बढ़ाना पड़ रहा है। इसके बाद भी जगह कम पड़ती जा रही और भोले के भक्त कथा सुनने के लिए धूप में भी खड़े हो रहे। गुरुवार को श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 3 हजार तक पहुंच गई। व्यास गादी का पूजन करने के बाद पं. शिवम कृष्ण बुधौलिया जी ने श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराई। उन्होंने कहा कि ईश्वर पर विश्वास करना सीख जाओ, फिर भगवान सब संभाल लेगा। एक साधे, सब सधे और सब साधे सब बिसराए। पं. बुधौलिया ने कहा कि तुम शिव के हो जाओ और शिव तुम्हारा हो जाएगा, फिर देखो मनुष्य का जीवन। कर्म करो, मेहनत करो और भगवान शिव को प्रतिदिन एक लौटा जल अर्पण करो।कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि शिव महापुराण कथा का अमृत जिसने पी लिया वह शिव का हो गया। उन्होंने कहा मनुष्य से गलती हो सकती है, ईश्वर से नहीं। शिव महापुराण की कथा सुनने का अवसर पर पुण्य कर्म करने वाले को ही मिलता है। पं. शिवम कृष्ण ने कथा पंडाल में बैठे श्रद्धालुओं और नगरवासियों से कहा कि आपने भी कोई पुण्य अवश्य किया होगा तभी तो यहां शिव महापुराण का आयोजन हो रहा। भगवान की भक्ति में डूबे रहने, लीन रहने वाले का मूल्य महादेव स्वंय बढ़ा देते हैं और मनुष्य को इसका ज्ञान हीं नहीं हो पाता। कथा में पं. शिवम कृष्ण बुधौलिया जी द्वारा सुनाए भजनों पर कई बार श्रद्धालु महिला-पुरुष उठकर झूमते-नाचते रहे।