संवाददाता मनीष राठौर
भैसदेही विकास खंड मे हजारो की संख्या मे आदीवासीयो ने धर्मातरण के विरोध मे एकत्रित होकर नगर मे रैली निकाली और धर्मातरित व्यक्तियो को अनुसूचित जनजाति की सूचि से बाहर करने का अहवाहन सरकार से किया इसके लिए चाहे आदिवासी समाज को भले ही किसी भी हद तक जाना पडे अब पीछे नही हटने का संकल्प आदिवासीयो द्वारा लिया गया।भैसदेही के सिटी ग्राउंड में जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले हजारो की सख्या मे आदिवासी समाज इक्ठा हुआ और विषाल रैली निकाली।रैली के पूर्व उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यवक्ता समाज सेवी गोकुल पंदराम, जनजाति मोर्चा जिला अध्यक्ष सीताराम चडोकार एवं जिला संयोजक डॉ महेन्द्रसिंग चौहान द्वारा क्रमशः गोंडी ,कोरकू एवं हिंदी भाषा में कहा गया कि धर्मांतरण से हमारी संस्कृति को तो खतरा है ही साथ ही इससे हमारे बच्चों का हक भी मारा जा रहा है। अपनी संस्कृति, आस्था, परंपरा को त्याग कर ईसाई या मुसलमान बन चुके लोग 80 प्रतिशत लाभ जनजाति समुदाय से छीन रहे हैं। धर्मांतरित होकर लोग दोहरा फायदा उठा रहे हैं। ऐसे सभी लोगों को जनजाति की सूची से हटाने की मांग को लेकर स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने पहली बार 1966-67 में 235 सांसदों के हस्ताक्षर से युक्त ज्ञापन तत्कालीन प्रधानमंत्री को दिया था। श्री उरांव ने पुन: इस मुद्दे को 1970 में उठाया। उस समय 348 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। किंतु इतने प्रबल समर्थन के बाद भी इस मुद्दे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच इस मांग को लेकर लगातार पूरे देश में जनजागरण अभियान चला रहा है। सुरक्षा मंच ने पूर्व में भी सन 2009 में देशभर से 28 लाख लोगों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल को सौंपा था, लेकिन तब भी इस समस्या के निदान हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसका मुख्य कारण था कि उस समय जनता अपने हक के लिए जागरुक नहीं थी, लेकिन आज जनजाति सुरक्षा मंच लोगों में चेतना लाने के लिए समाज के लोगों को प्रेरित कर रहा है।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भगत भुमका मोग्या महाराज,चिरोंजीलाल मावस्कर,मुन्नीलाल उईके,महादेव धुर्वे,राजू उईके,मन्नू मावस्कर एवं जनपद अध्यक्ष यशवंती संजय धुर्वे,पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत सुरजलाल जावरकर,जनपद उपाध्यक्ष पवन परते ,साकिया बाई सहित सरपंच,जनपद सदस्य एवं सामाजिक बंधु उपस्थित रहे।