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गुलाबी नगर तक पहुँची खरगोन के अमरूदों की महक

सुदर्शन टुडे न्यूज़ ब्यूरो चीफ खरगोन

अलकेश और कमल ने लगाया अमरूद का बागीचा, एक पौधे से 20 किलो तक ले रहे उपज

मनरेगा में सिर्फ रोजगार ही नहीं, बल्कि जल और पर्यावरण संरक्षण के भी विकल्प
लालू जामलकर की रिपोर्ट
खरगोन देश की गुलाबी नगरी जयपुर की फ़िज़ा में इन दिनों खरगोन के अमरूद की महक पसंद की जा रही है। खरगोन के डालका से करीब 750 किलो. दूर जयपुर सहित राजस्थान के अन्य शहरों के बाशिन्दों में हमारे किसानों की मेहनत के अमरूदों की ऊर्जा पनप रही है। यहाँ के दो भाई अलकेश और कमल पाटीदार यह कारनामा कर रहे हैं। इन दोनों भाइयों के पांच एकड़ में फैले थाई-20 अमरूद के बागीचे में इस बार उम्मीद से परे फल आये। अलकेश पाटीदार ने बताया कि इस बार एक पौधे में करीब-करीब 20 किलो तक अमरूद लगे हैं। जबकि इस मौसम की पहली बहार तोड़ ली है। उनका अमरूद प्रमुखता से जयपुर और दाहोद में पसन्द किया जा रहा है। इस मौसम में दोनों शहरों को करीब 3 लाख रुपये के अमरूद दिए हैं। पिछली अमरूद की बहार इंदौर और स्थानीय स्तर पर ही बेंची थी। दोनों भाइयों को अब तक अमरूदों से 8 लाख से अधिक का मुनाफा हुआ है। कमल ने कहा कि हम करीब 15 माह में उपज लेना प्रारंभ की है इस बार दूसरी बहार आयी है। मनरेगा योजना में 2 हजार पौधे मिले और मिली मजदूरों को राशि

उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी पीएस बड़ोले ने बताया कि दोनों भाइयों की बाग बगीचों के प्रति लगाव देखकर मनरेगा के तहत प्रोजेक्ट बनाया गया। इसमें अलकेश पाटीदार को 800 और कमल को 1200 पौधों के लिए राशि प्रदान की गई। जबकि करीब 2 हजार पौधे दोनों भाइयों ने अपनी जरूरत की हिसाब से लगाएं। अभी तक दोनों भाईयों का सामग्री और मजदूरी की कुल 2 लाख 13 हजार रुपये की राशि प्रदान की है। अमरूद के क्लस्टर में 40 किसान 70 हेक्टेयर में ले रहे हैं उपजउद्यानिकी विभाग के एसएचडीओ श्री बड़ोले ने बताया कि खरगोन जनपद के क्लस्टर में करीब 70 हेक्टेयर में 40 किसान अमरूद की खेती कर रहे हैं। इस क्लस्टर में इदारतपुरा, रजुर, रामपुरा, अकावलिया, नारायणपुरा, आसनगांव और टेमला गांव शामिल है। जबकि इसके अलावा करीब 30 हेक्टेयर में लगभग 25 किसान अमरूद का बागीचा कर रहें है।
आयुर्वेद में अमरूद त्रिदोष शमन के रूप में उपयोगी
जिला आयुष अधिकारी डॉ. वासुदेव आसलकर ने बताया कि आयुर्वेद में अमरूद को त्रिदोष शामक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका मतलब अमरूद वात, पित्त और कफ दोष के संतुलन और शमन में कारगर होता है। इसी तरह अमरूद दिल की सेहत और चेहरे की चमक बढ़ाने में भी उपयोगी माना जाता है। अमरूद फायबर का बहुत अच्छा स्त्रोत है। साथ ही इसमंे विटामिन सी, पोटैशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होने से दिल के लिए अच्छा माना जाता है। जिन लोगों को गै्रस्टोंइटेस्टाइनल है उन्हें इसका उपयोग चिकित्सकों की सलाह से करना चाहिए।
‘‘किसान के मोबाइल नंबर 98265-86670‘‘

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