जिला ब्यूरो चीफ हीरा सिंह उइके
मंडला- त्रिस्तरीय पंचायती राज जनप्रतिनिधि पदाधिकारियों का मांग पत्र लेकर आज जनपद सदस्य लगभग 100 की संख्या में कलेक्ट्रेट कार्यालय मण्डला पहुंचे जहां उनकी मांग थी कि पंचायती राज अधिनियम 1993 का समस्त अधिकार जनपद जनप्रतिनिधियों को वापस दिया जाए ।जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधियों पदाधिकारियों की जनपद सदस्य उपाध्यक्ष ,अध्यक्ष क्षेत्र के विकास के लिए विकास निधि के रूप में बजट प्रतिवर्ष व्यवस्था की जाए जिसमें 100.50लाख अध्यक्ष को , 50.00लाख उपाध्यक्ष को 25 लाख जनपद सदस्यों को ।ग्राम पंचायतों के सभी कार्यों में वार्षिक डीपीआर एवं प्रस्ताव में संबंध पंचायत के जनपद सदस्य को अनुमोदन अधिकार एवं कार्य पूर्ण में अंतिम सूची जारी करते समय जनपद सदस्य को अनुमोदन का अधिकार हो । पंचायत के कार्यों में जहां भी पीसीओ को हस्ताक्षर करने का अधिकार हो उस स्थान पर संबंधित जनपद सदस्य को भी अधिकार होना चाहिए । पंचायत राज अधिनियम में संशोधन करते हुए जनपद पंचायत सदस्य को भी निर्माण एजेंसी एवम वित्तीय अधिकार प्रदान किए जाएं ।जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले समस्त विभागों के विभागीय बजट के अनुमोदन का अधिकार जनपद पंचायत की सामान्य सभा को दिया जाए । सभी जनपद सदस्यों को वाहन खर्च अनिवार्य रूप में माह में राशि ₹45000 एवं उपाध्यक्ष को राशि ₹20000 प्रतिमाह दिया जाए । जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधि पदाधिकारियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की जानी चाहिए जिसमे अध्यक्ष 60000, उपाध्यक्ष को 38000 और जनपद सदस्य को 24000 हो।उपरोक्त मांग पर यदि गंभीरता पूर्वक विचार कर हम जनपद सदस्यों को अधिकार नहीं दिया गया तो हम जनपद सदस्य सभी सामूहिक रूप से इस्तीफा देने के लिए बाध्य होंगे।