नियम का पालन करवाने वाले नही कर पारहे नियम का पालन,सरकारी व निजी भवनों में सिस्टम लगाना है अनिवार्य लेकिन दोनो से गायब।अधिकांश शासकीय विभागों में नही लगा सिस्टम,सर्दी के दिनों तेजी से होरहा सरकारी व निजी भवनों का निर्माण
सारंगपुर।। वर्षा काल मे होने वाली बारिश मैं साधारण रूप से जल को सहेजने के लिए लागू रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को नियमानुसार सभी शासकीय एवं निजी भवनों पर निर्माण के समय लगाने के निर्देश हैं लेकिन यह निर्देश सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर कोसों दूर नजर आ रहे हैं। शहर के नवनिर्मित निजी भवनों पर तो ऐसे कोई सिस्टम नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन सरकारी भवनों पर भी ऐसे कोई सोखता गड्डे नुमा संयंत्र नहीं लगाए।
*निजी भवन निर्माण में भी प्रावधान*
नगर परिषद द्वारा शहर में बनने वाले नए भवनों के निर्माण की अनुमति भी इसी शर्त पर जारी करने के प्रावधान है कि वह इस प्रकार का संयंत्र बनाने की लिखित में पूर्व सहमति दें।बारिश का पानी सहजने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन जागरूकता के अभाव में इसका पालन कम ही हो रहा है स्थानीय स्तर पर नगर पालिका द्वारा नवीन भवन निर्माण की अनुमति देने से पूर्व बाकायदा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए अमानत राशि जमा कराने का नियम है इसके बाद ही भवन निर्माण की अनुमति दी जाती है देखने में आ रहा है कि कार्यों में इसकी अनदेखी की जा रही है।
*नगर पालिका को करने होंगे प्रयास*
नगर पालिका द्वारा जल संचयन के सार्थक प्रयास किए जाए तो निश्चित ही लाखों लीटर पानी बहने से बच जाएगा। यह भी नहीं कहा जा सकता कि इस वर्ष मानसून का क्या रुख रहेगा इसलिए बारिश के पानी को यदि समय रहते सहजना आरंभ कर दिया जाए तो जल संकट से आसानी से निपटा जा सकता है,लेकिन ऐसा होता दिखाई नही दे रहा है।
*अनेकों शासकीय विभागों में नही लगा सिस्टम*
नगर के सैकड़ों भवनों व स्कूल सहित अनेक विभागों आदि पर यह सिस्टम ना होने से लाखों लीटर पानी बारिश में हर साल व्यर्थ ही नालों में बह जाता है। साथ ही भवन अनुमति के वक्त निर्माण स्वीकृति भी इस आधार पर मिलती है की वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा लेकिन स्थिति यह है कि पूरे नगर में इस योजना का क्रियान्वयन करने वाली नगरपालिका के स्वयं के कार्यालय भवन में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है।
*वाटर हार्वेस्टिंग से हैंडपंप ट्यूबवेल का बड़ता हे जल स्तर*
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भवन पर लगाने पर बारिश का पानी जमीन के अंदर चला जाता है। इससे बारिश की हर बूंद को सहेजा जा सकता है यही पानी जरूरत के समय काम आता है। इसके जरिए भूजलस्तर में भी बढ़ोतरी होती है हेडपंप वॉटर बिल के पानी का स्तर भी बढ़ जाता है इससे गर्मी के सीजन में जल संकट से कुछ हद तक निजात मिलती है।
*लगवाया जाएगा सिस्टम*
मुझे आए हुए कुछ ही समय हुआ है,आपने इस और ध्यान आकर्षित करवाया है जल्द ही रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
लाल सिंह डोडिया मुख्य नपाधिकारी सारंगपुर
*तहसील भवन में लगा सिस्टम*
शासन के निर्देश अनुसार, नए तहसील भवन कार्यालय में रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए गड्ढा और सिस्टम लगाया गया है,जल्द ही सभी विभागों को भी रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग लगाने के निर्देश जारी किए जाएंगे।
राकेश मोहन त्रिपाठी एसडीएम सारंगपुर