शाजापुर। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में आज तक लिफ्ट चालू नहीं हो सकी है। 5 साल से सेंटर में लिफ्ट लगी है लेकिन उसके बाद मरीजों और परिजनों को सीढ़ियों और रैंप का सहारा लेना पड़ रहा है। 4 मंजिला ऊंचे भवन में ऊपर-नीचे जाने के लिए सीढ़ियां और रैंप बनाया गया, साथ ही लिफ्ट भी लगाई गई।
यह लिफ्ट इसलिए लगवाई गई थी कि मरीजों और परिजनों को परेशानी न हो, लेकिन सुविधा के लिए लगाई गई लिफ्ट अब शोपीस बन कर रह गई। कुछ समय चलने के बाद से लिफ्ट बंद पड़ी हुई है। लिफ्ट को जिम्मेदारों द्वारा ठीक ही नहीं कराया जा रहा है। डॉक्टर और मरीज सीढ़ियों और रैंप के सहारे 4 मंजिला भवन में उतरना-चढ़ने का काम कर रहे है। मामले को लेकर जवाबदार बजट न होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
तीसरी मंजिल पर विकलांग वार्ड
ट्रामा सेंटर के इस भवन में तीसरी मंजिल पर विकलांगों के लिए वार्ड बनाया गया है। एक और लिफ्ट खराब, इस पर तीसरी मंजिल पर बनाया वार्ड ये विकलांगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत हो गया है। इसके साथ ही छोटे बच्चे, वृद्धजन सहित अन्य वार्ड भी ऊपर की ही मंजिलों पर है, ऐसे में लिफ्ट नहीं चलने के कारण सभी को परेशानी हो रही है।
बजट का है अभाव
सिविल सर्जन डॉ. बीएस मैना ने बताया लिफ्ट को ठीक करवाने के लिए जिला अस्पताल में बजट नहीं है। इसके लिए हमने जानकारी भेज दी है, लिफ्ट को ठीक करवाने में कितना खर्च हो रहा है। जब भी बजट मिलेगा, उसे ठीक करवाया जाएगा। जिला अस्पताल में लिफ्ट लगने के बाद से ही बंद पड़ी हुई है। लिफ्ट के अभाव में मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। मरीजों को लाने ले जाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।