राजेंद्र खरे कटनी
देश विदेश में मज़हब और इंसानियत का पैग़ाम देने वाले मशहूर वली आले सिद्दीकी ए अकबर हज़रत अल्हाज मुफ़्ती मुहम्मद अब्दुल सलाम, खलीफ़ाए आला हज़रत अल्हाज मुफ़्ती बुरहानुल हक़ और खलीफ़ए मुफ़्ती ए आज़म हिन्द, मुफ़्ती ए आज़म मध्यप्रदेश हज़रत मौलाना मेहमूद अहमद कादरी साहब को उनके सालाना उर्स मुबारक पर अकीदत व मुहब्बत के साथ याद किया जाएगा. मुफ़्ती ए आज़म मध्यप्रदेश हज़रत मौलाना डाक्टर हामिद अहमद सिद्दीकी व नायब मुफ़्ती ए आज़म हज़रत मौलाना मुहम्मद मुशाहिद रज़ा ने बताया कि छः एवं सात दिसंबर को शहर की सबसे बड़ी रानीताल ईदगाह में उर्स का अहतिमाम किया गया है. जिसमें हिन्दुस्तान के नामवर उलेमा तकरीर फरमाएंगे. इसी तरह कई शहरों के मशहूर शायर बारगाहे रिसालत में नात ए पाक पेश करेंगे. उर्स में महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, झारखंड, बिहार, राजस्थान सहित कई राज्यों के हजारों ज़ायरीन शिरकत करेंगे. गौरतलब है कि उर्स सलामी, बुरहानी व मेहमूदी शहर ए जबलपुर का सबसे बड़ा दीनी जलसा होता है.
जिसे कामयाब बनाने के लिए महीनों से तैयारियाँ की जाती हैं.
इस आयोजन में प्रशासनिक अमला भी भरपूर मदद करता है.
दो दिनों तक रानीताल मुख्य मार्ग को डायवर्ट करने के साथ ही सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए जाते हैं. शहज़ादए मौलाना मुशाहिद रज़ा हज़रत इनामुल हक
कादरी, ताहिर खान, अतीक मम्मा, अशरफ राईन आदि के मुताबिक उर्स में देश प्रदेश और शहर की शांति खुशहाली के लिए दुआएं मांगने की परम्परा है. यही वजह है कि इस विशाल जलसे में बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम भी शामिल होकर अकीदत पेश करते हैं.I