सुदर्शन टुडे जिला ब्यूरो सिवनी
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग सिवनी के द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना अंतर्गत जिले के 18 कृषकों/उद्यमियों के दल को एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित फसल सीताफल के प्रसंस्करण को बढावा दिये जाने हेतु छत्तीसगढ राज्य के कांकेर स्थित कांकेर वैली फ्रेश अंतर्गत स्थापित सीताफल पल्प एवं आईसक्रीम यूनिट का भ्रमण कराकर प्रशिक्षण एवं जानकारी उपलब्ध कराई गई। उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी घंसौर श्री नीलेश परिहार के नेतृत्व में भ्रमण में सम्मिलित कृषक/ उद्यमियों द्वारा छत्तीसगढ के कांकेर जिला स्थित सीताफल प्रसंस्करण इकाईयों का प्रशिक्षण व भ्रमण कराया गया जिसके अंतर्गत गढिया किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड ग्राम इच्छापुर व महानदी किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड ग्राम लखनपुरी व अन्य समूहो का भ्रमण कराया गया, भ्रमण के दौरान वृत्ती लाइवलीहुड एनजीओ के संचालक श्री सतीश मिश्रा के द्वारा कृषक/उद्यमियों को सीताफल पल्प इकाईयों का विस्तृत अवलोकन कराया गया एवं जानकारी दी गई। श्री मिश्रा द्वारा बताया गया कि स्थानीय स्व सहायता समूहों के द्वारा किस तरह इन इकाईयों में सीताफल से पल्प निकाला जाकर उसे भंडारित किया जाता है एवं सीताफल का मौसम समाप्त होने के पश्चात पल्प से विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ जैसे आईसक्रीम, बासुंदी, शेक आदि कैसे तैयार किये जाते है। इसकी भी जानकारी दल को उपलब्ध कराई गई। साथ ही साल भर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य फल जैसे जामुन, आम के प्रसंस्करण के संबंध में भी जानकारी प्रदान की गई। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि तैयार उत्पाद पर स्वयं की लेबलिंग आवश्यक है तथा उत्पाद के मार्केटिंग के संबंध में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
इसी तारतम्य में भ्रमण दल द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर का भी भ्रमण कर सीताफल प्रसंस्करण एवं उन्नत उद्यानिकी तकनीको की जानकारी एवं प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. कोमल सिंह कर्राम द्वारा सीताफल की खेती व इससे निर्मित खाद्य पदार्थ कैसे बनाये जाते है व अन्य प्रसंस्करण इकाईयों के संबंध में प्रशिक्षण व माइनर मिलेट की प्रसंस्करण इकाईयों का अवलोकन भी कराया गया। भ्रमण दल द्वारा मार्केटिंग की जानकारी प्राप्त करने हेतु स्थानीय स्व सहायता समूहों, लघु उद्योग व शासकीय संस्थाओं द्वारा स्थानीय स्तर पर तैयार किये गये उत्पाद की मार्केटिंग हेतु जिला प्रशासन द्वारा संचालित सीमार्ट मॉल का भी अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की गई।
भ्रमण द्वारा रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय, कृषि संग्राहलय एवं उन्नत उद्यानिकी प्रक्षेत्रों का भ्रमण भी किया गया। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक श्री राजेश कुमार अग्रवाल द्वारा संरक्षित खेती सेंटर का भ्रमण कराकर पॉली हाउस/शेडनेट हाउस में उगाई जाने वाली विभिन्न सब्जी, फूल एवं मसाला फसलों की खेती पर प्रशिक्षण सह भ्रमण कराया गया।
भ्रमण दल को ग्राम खपरी अहिवारा स्थित एकेएफ नर्सरी का भ्रमण कराकर नर्सरी संचालक श्री प्रभात परिहार द्वारा हाईटेक नर्सरी प्रबंधन के लाभ एवं नर्सरी की स्थापना एवं संचालन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। प्रक्षेत्र में रोपित सीताफल, थाई अमरूद, ड्रैगन फ्रूट, पत्ता गोभी व अन्य फसलों के प्रक्षेत्रों का दल द्वारा भ्रमण कर उन्नत उद्यानिकी तकनीको की जानकारी भी प्राप्त की गई। भ्रमण दल द्वारा शासकीय उद्यान नर्सरी डोंगरगढ का भ्रमण कर विभिन्न उद्यानिकी फसलों एवं तकनीको का अवलोकन किया गया।
भ्रमण सह प्रशिक्षण उपरांत वापस आये कृषकों द्वारा उपरोक्त कार्यक्रम को अत्यंत महत्पूर्ण एवं उपयोगी बताया तथा भ्रमण के दौरान सीखे गये तकनीकी जानकारी को अपनी खेती एवं उद्यम में अपनाने की बात भी कही।