बच्चों को बताया गया कि चाचा नेहरू एक महान लेखक और वकील थे। उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था। और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही उनके चित्र पर पुष्प माला पहनाई गयी।
बाल दिवस के अवसर पर शिक्षक- शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों का मुंह मीठा कराया गया। इसके उपरांत सांस्कृतिक सामाजिक एवं देशहित से संबंधित संदेश दिया एवं भिन्न-भिन्न प्रदेशों में पहने जाने वाली वेशभूषा तथा रामायण एवं बच्चों की कामना पूरी करने वाली जादुई परी की कलाकृति को दिखाया और देशभक्तों को याद कर बाल दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर अपेक्स मॉडल्स पब्लिक स्कूल के संचालक एवं शिक्षक -शिक्षिकाओं द्वारा पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनकी सेवाओं का उल्लेख किया। बताया कि वर्ष 1959 से हर साल बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन 1964 में नेहरू की मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
*धूमधाम से मनाया बाल दिवस किया देशभक्तों को याद*
*झिरन्या*
अपेक्स मॉरल्स पब्लिक स्कूल में बाल दिवस एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।
बच्चों को बताया गया कि चाचा नेहरू एक महान लेखक और वकील थे। उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था। और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही उनके चित्र पर पुष्प माला पहनाई गयी।
बाल दिवस के अवसर पर शिक्षक- शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों का मुंह मीठा कराया गया। इसके उपरांत सांस्कृतिक सामाजिक एवं देशहित से संबंधित संदेश दिया एवं भिन्न-भिन्न प्रदेशों में पहने जाने वाली वेशभूषा तथा रामायण एवं बच्चों की कामना पूरी करने वाली जादुई परी की कलाकृति को दिखाया और देशभक्तों को याद कर बाल दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर अपेक्स मॉडल्स पब्लिक स्कूल के संचालक एवं शिक्षक -शिक्षिकाओं द्वारा पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनकी सेवाओं का उल्लेख किया। बताया कि वर्ष 1959 से हर साल बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन 1964 में नेहरू की मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।