सुदर्शन टुडे संवाददाता दिनेश तिवारी सीहोर
सीहोर। एक तरफ जहाँ शासन/प्रशासन के द्वारा सभी ग्रामों में सडक़ व पुल का निर्माण कर गावों को जोड़ दिया गया है, वहीं जिला मुख्यालय से मात्र 19 किलोमीटर दूर ग्राम मगरखेड़ा सहित अनेक ग्रामों को जोडऩे वाला कच्चा मुख्य मार्ग पर शासन/प्रशासन का कोई ध्यान नही है। जिसके कारण यह ग्रामीण जन व नन्हे-मुन्ने बच्चे बारिस के समय तो अपनी जान हथेली पर रखकर उक्त कच्चे रास्ते से जैसे-तैसे निकलते हैं और इसी कच्चे मुख्य मार्ग पर ग्राम मगरखेड़ा के शमशान घाट के समीप वाली नदी है जिसमें दो नदी का संगम है, जिसका बहाव इतना ज्यादा रहता है जिसके कारण बच्चों को बामुश्किल नदी पार कराना पड़ रहा है। पुल के अभाव में इस नदी में कई लोग बह कर अपनी जान गवां चुके हैं। सडक़ व पुल के अभाव में इस क्षेत्र के कई ग्रामीण नरक का जीवन जीने पर मजबूर है । उक्त प्रमुख कच्चे मार्ग पर सहकारी दूध डेरी, प्रायमरी स्कूल, मीडिल स्कूल, पंचायत भवन, शिवमंदिर, माता मंदिर, हनमुमान मंदिर, शमशान घाट, हाईस्कूल आदि पड़ते हैं, कच्चा रास्तो होने से हजारों ग्रामीणों को विकट परेशानी उठानी पड़ रही है। उक्त कच्चे मार्ग से चाँदबड़ , मगरखेड़ा ,करंजखेड़ा, सोसायटी खजुरियाकला, नौनीखेड़ी, निपानिया, बड़बेली, मुहाली आदि गांव जुड़े हुए है, जो कि उक्त प्रमुख कच्चे मार्ग व निर्माणाधीन पुल के अभाव में अपनी जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से आवागवन करते हैं। उक्त नदी में 12 फीट तक पानी भर जाता हैं जिससे हमेशा बच्चों के साथ अनहोनी की आशंका बनी रहती है । बारिश के दिनों में छात्र एवं छात्राऐं स्कूल भी नही जा पाते है । कच्चा रास्ता होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में अनगिनत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तथा बुजूर्ग महिला एवं पुरुष तथा अन्य रहवासी नागरिकों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पा रही है । प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना से मरहूम इस कच्चे रास्ते व पुल पर जिला प्रशासन की उदासीनता बनी हुई है। महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल तक ले जाना भी नागरिकों के लिए संभव नहीं है क्योंकि न तो रास्ता है और ना ही नाले पर पुल है । इस सम्बंध में इन पीडि़त ग्रामीणजनों ने क्षेत्रीय विधायक, कलेक्टर सहित सभी सम्बंधित विभागों में कई बार आवेदन दे चुके हैं, इसके बावजूद भी शासन/प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नही है, जिसके कारण इन पीडि़त ग्रामीणों में काफी असंतोष व रोष व्याप्त है। जबकि उक्त प्रमुख कच्चा मार्ग व पुल निर्माण स्वीकृत हो चुका है, इसके बावजूद भी निर्माण कार्य नही किया जा रहा है, सभी पीडि़त ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि अविलम्ब निर्माण कार्य प्रारंभ नही हुआ तो आगामी दिनों में धरना आन्दोलन किया जावेगा। उक्त कच्चे रास्ते व पुल निर्माण की मांग करने वालों में प्रमुख रूप से देवेन्द्र बैरागी, रामबाबू मेवाड़ा, मनोज मेवाड़ा, जमना प्रसाद मेवाड़ा, हेमसिंह मेवाड़ा, कमलेश मेवाड़ा, विदुरजी पुष्पद, लखन मेवाड़ा, लक्ष्मीनारायण मेवाड़ा, जगदीश मेवाड़ा, मोतीलाल अहिरवार, आत्माराम अहिरवार, विनोद अहिरवार सहित सभी पीडि़त ग्रामीणजन शामिल है।