मंडला से सुदर्शन टुडे न्यूज जिला ब्यूरो चीफ हीरा सिंह उइके की रिपोर्ट
मंडला:- मंडला जिले के जनपद पंचायत मोहगाँव अंतर्गत ग्राम पंचायत देवगाँव- ग्राम पंचायत कुडोपानी दोनों ग्राम पंचायतों के द्वारा सयुक्त रूप से मडई का आयोजन किया गया है जिसमें मोहगाँव विकास खंड सहित दुसरे विकास खंडों के लोग भारी संख्या में नर्मदा- बुढनेर नदी संगम घाट में मडई देखने पहुंचे। वही ग्राम कुडोपानी के मुकादम प्रताप सिंह धुर्वे नें बताया है कि संगम घाट में लगभग पांच पीढियों से मडई लग रहा है। यहाँ पर हमेशा धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं। नर्मदा बुढनेर नदी संगम घाट में दीपावली के कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रति वर्षानुसार मडई का आयोजन किया गया है जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीणों से माताएं, बहनें, युवा युवतियों, मडई देखने पहुंचे। जनपद पंचायत मोहगाँव के पूर्व जनपद पंचायत सदस्य धन्नू सिंह धुर्वे ने बताया कि यह पंडा पुजारी व अहीरों की ऐतिहासिक मडई कहलाता है। जिसमें सभी कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर इस नर्मदा- बुढनेर नदी संगम घाट में अपने देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर नर्मदा नदी और बुढनेर नदी के जल से पवित्र करते हैं। धुर्वे ने बताया कि यह मंडला जिले सहित अन्य जिलों में भी संगम स्थल प्रसिद्ध है। इस कार्तिक पूर्णिमा के मडई में मंडला, डिण्डौरी, बालाघाट, सिवनी सहित अन्य जिलों के श्रृद्धालु गण पहुँचते हैं। लेकिन यहाँ पर आवागमन के सुविधा नही है जिससे मडई में आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मडई नदी के दोनों तरफ लगाया जाता है। धुर्वे ने बताया कि इस नदी पुल की भूमि पूजन हो गया है लेकिन आज तक यहाँ किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य चालू नही हुआ है। जिससे आमजन व परिक्रमा वासियों को बुढनेर नदी पार करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि दीपावली पर्व से कार्तिक पूर्णिमा तक की यह देवगाँव- कुडोपानी नर्मदा- बुढनेर नदी संगम घाट में लगने वाले अंतिम मडई कहलाता है। वही चंडी माता के पंडा पुजारी भूरा लाल भारतीया ने बताया कि हमारे पूर्वजों के द्वारा लगभग पांच पीढियों से इस संगम घाट में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के मडई में चंडी माता की स्थापना कर पूजा पाठ करते चले आ रहे है। दूर दूर से आये चंडी माता व अहीर, देवगाँव हैं धार्मिक पर्यटन स्थल मंडला जिले सहित डिण्डौरी, बालाघाट, सिवनी एवं अन्य जिलों के श्रृद्धालु गण पहुँचे हैं क्योंकि यह स्थल धार्मिक पर्यटन स्थल के रुप में विख्यात है। यदि देखा जाये तो ग्राम पंचायत देवगाँव स्थित नर्मदा-बुढनेर संगम संगम घाट, शिव मंदिर, नर्मदा मंदिर, यमुना- जमुना समाधि स्थल, हनुमान मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थल मौजूद है। इस स्थल में जो भी मनोकामना लेकर आते हैं उनके मनोकामना अवश्य पूर्ण होता है। इसी वजह से यहां की कार्तिक पूर्णिमा के मडई- मेला को महत्व समझते हुए दूर- दूर से श्रद्धालु भक्त पहुँचते हैं। वही पंडा पुजारी व अहीरों ने अपने- अपने देवी देवताओं को माँ नर्मदा और बुढनेर नदी के जल से पवित्र करते हैं। इस मडई में आए अहीरों ने जमकर थिरकते हुए नजर आये क्योंकि अहीरों की नृत्य कला देखते ही बनता है अहीर अपने वेष भूषा से सुसज्जित रहने पर आन बान शान की अलग ही पहचान रहता है। डिण्डौरी जिले के मेहंदवानी से चंडी माता लेकर आये एवं अहीरों ने बताये कि हम दो वर्ष से यहाँ हर कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मडई में अपने देवी देवताओं को मा माँ नर्मदा नदी और बुढनेर नदी के पवित्र जल से पवित्र करते हैं।मडई में आये श्रद्धालुओं को आवागमन में हुई परेशानी बता दें कि नर्मदा बुढनेर नदी संगम घाट में मडई के दौरान श्रद्धालुओं को नदी में आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि नर्मदा नदी और बुढनेर नदी के पानी अधिक गहराई होने के कारण परेशानियों से नदी पार कर मडई पहुँचे। वैकल्पिक आवागमन के साधन बनाये गये जिसमें बांस बल्ली एवं प्लेट लगाकर श्रद्धालुओं के लिए आवागमन की सुविधा बनाये गये। तब जाकर लोगों ने मडई घूमकर मिठाई, गन्ना, सिंघाडे, बच्चों के खिलौनें सहित अन्य सामग्रियों की जमकर खरीदारी किये। इस मडई कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष रूप से ग्राम पंचायत देवगाँव- ग्राम पंचायत कुडोपानी सरपंच, उपसरपंच, पंच गणों व क्षेत्रीय नागरिकों का विशेष योगदान रहा। इस दौरान मोहगाँव थाना प्रभारी विजय सिंह ठाकुर अपने स्टाप के साथ मडई स्थल में शांति व्यवस्था बनाए रखने में विशेष सहयोग रहा। मडई के दौरान किसी भी प्रकार की घटनाएं घटित नही हुई इस प्रकार से दो दिवसीय मडई शांति पूर्वक संपन्न हुआ।