संकल्प मिश्रा नरसिंहगढ़ –
तहसील की ग्राम पंचायतो में भृष्टाचार के रोजाना मामले सामने आ रहे है।ग्राम पंचायत सूकल्या में अपात्रो को पीएम आवास योजना का लाभ दिए जाने,कोटरा पंचायत में संपूर्ण राषि आहरण के बाद भी सार्वजनिक शौचालय का काम अधूरे होने के मामलो के बीच रविवार को ग्राम पंचायत चैनपुराकंला में भी भृष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। पंचायत के गांव कहारपुरा में एक निजी भूमि पर सरकारी शमषान बना दिया गया है। जिसमें आज तक एक भी अंतिम संस्कार नही हो पाया है। जानकारी के अनुसार जिम्मेदारो ने भूमि स्वामी महिला को एक चबुतरा बनाकर उसे रिकार्ड मंे दर्षाये जाने की बात कहते हुए मय टीनषेड शमषान निर्माण कर दिया। लेकिन कुछ दिनो बाद भी उसे नही हटवाया तो भूमि स्वामी ने वहां अंतिम संस्कार किए जाने से मना कर दिया। ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिरकार पंचायतकर्मियो ने बिना दान पत्र लिए या निजी भूमि स्वामी से अनुमति लिए सरकारी शमषान का निर्माण केसे कर दिया। फिलहाल अनियमित्ताओ के इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियो पर कार्रवाई सुनिष्चित की जाना चाहिए।शासन के पैसो की बर्बादी -नियमो की माने तो निजी भूमि पर दान पत्र सहमति और उसकी रजिस्ट्री के बाद ही सरकारी निर्माण कार्य किए जा सकते है। लेकिन इस शमषान निर्माण के समय पंचायत द्वारा इन नियमो की अनदेखी की गई। वही अब भूमि स्वामी की आपत्ति केचलते वहां शमषान अनुपयोगी साबित हो गया है। जिसे देखकर लगता है कि पंचायत द्वारा शासन के पैसो का सीधा दुरूपयोग किया गया है।पंचायतकर्मियो, अधिकारियो की मिलीभगत उजागर -ग्राम पंचायत के शासकीय निर्माण कार्यो में केवल पंचायतकर्मी , जनप्रतिनिधि हीनही बल्कि अधिकारी भी जिम्मेदार होते है। क्योंकि किसी भूमि पर शमषान निर्माण के पूर्व समस्त दस्तावेजो के साथ जिओटेक होता है। इसके बाद जनपद के अधिकारी इसको वेरीफाई कर निर्माण की स्वीकृति देते है। बाद में उपयंत्री द्वारा मौके पर पहुंच मूल्याकंन किया जाता है। इसके ऊपर सहायक यंत्रीऔर अधिकारी जांच करते है इसके बाद ही कार्य का भूगतान होता है। लेकिनसवाल यह है निजी भूमि पर शमषान बनाते समय क्या किसी भी अधिकारी ने इस औरध्यान नही दिया? ऐसे में कही ना कही इन मामलो में सभी की सॉठ-गॉठनजर आती हैं।वर्जन -निजी भूमि पर शमषान निर्माण के मामले को दिखवाता हूॅ। कल नरसिंहगढ़सीईओ भी ज्वाईंन कर लेंगे आप उन्हे भी इससे अवगत करवा दीजिए।- अक्षय ताम्रेवाल, सीईओ जिपं राजगढ़