राहुल गुप्ता की रिपोर्ट
ओझर-: गोमाता को एक ग्रास खिला दीजिए तो वह सभी देवी-देवताओं तक पहुँच जाएगा। इसीलिए हीदुं धर्मग्रंथ बताते हैं समस्त देवी-देवताओं एवं पितरों को एक साथ प्रसन्न करना हो तो गोभक्ति-गोसेवा से बढ़कर कोई अनुष्ठान नहीं है। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हिंदुस्तान की ग्रामीण संस्कृति का एक बड़ा हिस्सा गायों के इर्द-गिर्द घुमता है. गांव वक्त के साथ कम हो गए, उन्हें शहर खा गए. लेकिन गाय आज भी इस देश का पसंदीदा पशुधन है. जो ना सिर्फ पोषण, बल्कि आय का भी बड़ा जरिया है. यही गायें एक महामारी की चपेट में हैं. लंपी वायरस नाम की इस बीमारी की वजह से बड़ी संख्या में गायों की जान जा चुकी है. ईस बीमारी को देखते हुए ग्राम ओझर के साईं मित्र मंडल द्वारा एक अनूठी पहल की गई है जिसमें गायों को लंपी वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए कई तरह की औषधियां जैसे गूड काली जीरी काली मिर्च हल्दी तिल का तेल गिलोय और 16 प्रकार कीऔषधीया मिलाकर लड्डू तैयार किया जा रहा है एवं रोजाना गोशाला में और पूरे क्षेत्र की गायों को इन लड्डुओं का सेवन गेहूं की रोटी के साथ कराया जा रहा है इस तरह के औषधीय लड्डू की प्रेरणा साईं मित्र मंडल को एक सामाजिक संस्था जीव दया जो राजस्थान में संचालित है से मिली और इन औषधि लड्डुओं से गायों को फायदा भी हो रहा है!