सुदर्शन टुडे संवाददाता दिनेश तिवारी सीहोर
सीहोर। सर्व विदित है कि प्राकृतिक असंतुलन की मार अकसर किसानों ही झेलना पड़ती है। ऐसा ही प्रकोप इस वर्ष हुई भारी बारिस के कारण आई बाढ़ से बर्वाद हुई खरीफ की फसल में किसानों के होश उड़ा दिये। फसल के यह हाल है कि किसान जैसे ही खेत पर जाकर अपनी बर्वाद फसल का नजारा देखता है तो उसकी आँखों से आँसू झलक आते हैं। भोपाल के बड़े तालाब को भरने वाली सीहोर जिले की कुलाँस नदी के समीपस्थ ग्राम कुलास खुर्द, कुलांस कलाँ, ढाबला, रामाखेड़ी, रलावती, नापली, चैनपुरा, बारवाखेड़ी, उल्झावन आदि गाँव भारी बरसात से आई बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से बर्वाद हुई खरीफ की फसल का सर्वे कराकर मुआवजे की मांग को लेकर ग्राम पंचायत के सरपंचों ने तहसीलदार एवं पटवारी को अवगत भी करा दिया गया था। इसके बावजूद भी हमारे गाँवों की रबि की फसलों का ना तो सर्वे किया गया और ना ही मुआवजा मिल सका। जबकि सीहोर जिले के ही बुधनी रहटी , नसुल्लागंज , श्यामपुर में 25 से 33 प्रतिशत की फसल की छती मानते हुऐ एवं इछावर तहसील में 49 किसानों को 50 प्रतिशत नुकसान का आंकलन कर कुल रूपये 9 करोड़ 80 लाख रूपये की फसल छति की मुआवजा राशि का प्रस्ताव बनाया है और फसल नुकसान की रिपोर्ट प्रशासन ने शासन को भी भेजी है। यह समझ से परे है कि हम ग्रामीण पीडि़तों से सौतेला व्यवहार क्यों किया गया। इसी से दुखी होकर ग्राम कुलास खुर्द एवं कुलास कला के आक्रोशित किसानों ने कुलांस नदी में उतरकर एक दिवसीय जल सत्याग्रह आन्दोलन कर शासन/प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र ही खराब हुई फसलों का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाया जावे। नदी के पानी में रहकर सत्याग्रह करने वालों में प्रमुख रूप से ग्राम पंचायत कुलास खुर्द के सरपंच प्रतिनिधि मनोज वर्मा, ग्राम पंचायत कुलास कलां के सरपंच प्रतिनिधि राजेन्द्र वर्मा, पूर्व सरपंच रमेश चन्द्र वर्मा, उपसरपंच राहुल वर्मा, दिनेश वर्मा, 80 वर्षीय किसान भँवरजी, 90 वर्षीय बुजुर्ग बाफु लाल, 90 वर्षीय बनेसिंह दरबार, प्रभुदयाल वर्मा, थानसिंह वर्मा, छितर सिंह पटेल, सुन्दर पटेल, मोहन वर्मा, संतोष राठौर, मोकम दरबार, हरिसिंह मेवाड़ा, रमेश परमार, भोलेराम प्रजापति, उमराव सिंह, भगवत सिंह सहित कुलांस कला एवं कुलास खुर्द के पीडि़त कृषक शामिल रहे। इनकी इस पीड़ा को देखते हुए समाज सेवी व किसान एम.एस.मेवाड़ा ने माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि शीघ्र ही इन बाढ़ प्रभावित किसानों की बर्वाद हुई फसलों का शीघ्र सर्वे कराकर इन्हे आरबीसी 6-4 राजस्व परिपत्र के अनुसार उचित आर्थिक साहयता प्रदान की जावे।