श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी
शहडोल। अमरकंटक, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग तथा निराला सृजनपीठ, साहित्य अकादमी, म.प्र. संस्कृति परिषद, म. प्र. शासन, संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय प्रेरणा युवा रचनाकरों की सृजनात्मक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. विकास दवे , निदेशक , साहित्य अकादमी म.प्र. विशिष्ट अतिथि डॉ. श्रीराम परिहार, निदेशक, निराला सृजनपीठ, साहित्य अकादमी म. प्र. शासन थे। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी द्वारा की गई।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य में शब्द का अर्थ संदर्भ के सापेक्ष होता है इसलिए प्रत्येक शब्द सन्दर्भ के सापेक्ष में अपना अर्थ गढ़ लेता है और साहित्यकार वही है जो उसे पढ़ लेता है। इस तरह शब्द की यात्रा तय होती है। साहित्यकार वही है जो अन्य के दु:ख, पीड़ासाहित्यकार संस्कारों की धारा बहाते हैं: प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में प्रेरणा युवा रचनाकरों की सृजनात्मक कार्यशाला का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
फोटो अमरकंटक-1, सु
शहडोल। अमरकंटक, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग तथा निराला सृजनपीठ, साहित्य अकादमी, म.प्र. संस्कृति परिषद, म. प्र. शासन, संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय प्रेरणा युवा रचनाकरों की सृजनात्मक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. विकास दवे , निदेशक , साहित्य अकादमी म.प्र. विशिष्ट अतिथि डॉ. श्रीराम परिहार, निदेशक, निराला सृजनपीठ, साहित्य अकादमी म. प्र. शासन थे। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी द्वारा की गई।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य में शब्द का अर्थ संदर्भ के सापेक्ष होता है इसलिए प्रत्येक शब्द सन्दर्भ के सापेक्ष में अपना अर्थ गढ़ लेता है और साहित्यकार वही है जो उसे पढ़ लेता है। इस तरह शब्द की यात्रा तय होती है। साहित्यकार वही है जो अन्य के दु:ख, पीड़ा