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रायसेन

जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े,,,,,,

मांगी नाव न केवट आना, कहऊ तुम्हार मरमु महि जाना, रामलीला में श्री राम केवट संवाद की मनमोहक प्रस्तुति, मिश्र तालाब किनारे बड़ी संख्या में दर्शक रहे मौजूद

 

रायसेन। रामलीला महोत्सव के चलते शनिवार को स्थानीय कलाकारों द्वारा भगवान श्री राम केवट संवाद की मिश्र तालाब के किनारे पर आकर्षक प्रस्तुति का शानदार मंचन किया गया जिसे देखकर हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार भगवान श्री राम राजा दशरथ, रानी केकई, कौशल्या, सुमित्रा से आज्ञा लेकर अपनी वनवासी वेशभूषा में 14 वर्ष के वनवास के लिए चल देते हैं। इस दौरान राजा दशरथ बहुत दुखी होते हैं और बार-बार केकई को कोसते हैं परंतु विधि का विधान है कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामायण में लिखा भी है कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई अर्थात रघुवंशी कुल की नीति है कि जो कह दिया तो कह दिया फिर पीछे लौट कर नहीं देखते अर्थात भगवान श्री राम माता कैकई से आज्ञा लेकर वन के लिए चल देते हैं और सरयू नदी के निकट पहुंचते हैं जहां उनकी भेंट केवट से होती है और भगवान केवट से पहले परिचय प्राप्त करते हैं और अपनी नाव में बैठाकर गंगा पार जाने के लिए कहते हैं परंतु केवट भगवान के वचनों को समझ नहीं पाता और बार-बार निवेदन करता है कि है प्रभु मैं बहुत गरीब हूं मैं इसी नदी में नाव चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं मेरी लकड़ी की छोटी सी नाव में आप कैसे बैठेंगे।भगवान राम केवट से कहते हैं कि हे केवट तुम चिंता मत करो सब कुछ ठीक होगा बस हमें गंगा के पार लगा दो। इस प्रकार से केवट भगवान राम सीता लक्ष्मण जी को अपनी लकड़ी की नाव में बैठाता है इससे पूर्व वह भगवान के चरण पखारता है और चरण वंदना के पश्चात अपनी नाव में बैठा कर भगवान राम लक्ष्मण और माता सीता को गंगा पार लगाता है। इस दौरान प्रस्तुत की गई इस आकर्षक लीला को देखने के लिए बड़ी संख्या में सनातन धर्म प्रेमी तालाब के चारों किनारों पर मौजूद थे, जैसे ही केवट भगवान को गंगा पार करते है वैसे ही हजारों दर्शक भगवान श्री राम के जयकारे लगाते हैं तालाब के किनारे पर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो साक्षात भगवान श्री राम लक्ष्मण सीता इस तालाब रूपी गंगा को पार कर रहे हो, इस समय की शोभा देखी नहीं बन रही थी, दर्शकों में भी अपार उत्साह का वातावरण देखने को मिल रहा था और दर्शक भगवान राम लक्ष्मण और सीता जी को नाव में बैठाकर गंगा पार होता देखना चाह रहे। इस आकर्षक लीला का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा किया गया केवट की भूमिका अशोक मांझी द्वारा निभाई गई। इस मौके पर मांझी समाज के मनमोहन रैकवार, जगदीश रैकवार, कन्हैया लाल रैकवार, अशोक नाविक आदि समाज के अनेक लोग मौजूद रहे,जिन्होंने भगवान की आरती उतारकर दर्शन लाभ लिए एवं अपने को धन्य किया इस अवसर पर बड़ी संख्या में सनातन धर्म प्रेमी मौजूद रहे।

 

एसडीएम व तहसीलदार ने उतारी भगवान रामसीता की आरती।

 

रामलीला में गंगा “प्रसंग की लीला के अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी लक्ष्मीकांत खरे एवं तहसीलदार एपी सिंह पटेल, मेला समिति के अध्यक्ष बृजेश चतुर्वेदी सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने भगवान प्रभु श्री राम लक्ष्मण सीता जी की आरती उतारकर दर्शन लाभ लिए।

 

रामलीला में आज रविवार को होगी श्री राम भरत मिलाप की शानदार लीला।

 

रामलीला में आज रविवार को श्री राम भरत मिलाप प्रसंग की लीला का मैदानी मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा किया जाएगा इस समय की लीला देखे नहीं बनेगी इस मार्मिक प्रसंग की लीला को देखने की अपील मेला समिति के पदाधिकारियों की गई है।

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