Sudarshan Today
टैकनोलजीदेशमनोरंजनराजनीतिलोकलविदेशव्यापार

खंडवा में 11 साल की यागिनी बनी पुलिस: एक्सीडेंट में पुलिसकर्मी पिता, कोरोना में शिक्षक मां को खो चुकी; आरआई से पूछा- अंकल… पापा भी ऐसे ही काम करते थे?

Hindi NewsLocalMpKhandwaPoliceman Father Lost In Accident, Teacher Mother Lost In Corona; Asked RI Uncle… Papa Used To Do The Same Thing?

खंडवाएक घंटा पहले

कॉपी लिंककुर्सी पर बैठकर फाइल पढ़ती यागिनी चौहान। - Dainik Bhaskar

कुर्सी पर बैठकर फाइल पढ़ती यागिनी चौहान।

11 साल की एक मासूम बच्ची ने खंडवा में आरक्षक का चार्ज लिया है। एक दिन की आरक्षक बनकर उसने पुलिस लाइन में कामकाज संभाला। असल में बच्ची बाल आरक्षक के रूप में ज्वाइन हुई है। उसके पिता मूंदी थाने में पदस्थ थे। सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। वहीं मां की कोरोना से मौत हो गई। शुक्रवार को जब बच्ची पिता की कुर्सी पर बैठी तो उनकी याद में उसकी आंखों से आंसू छलक गए।

आरआई पुरुषोत्तम विश्नोई ने बताया हरसूद में रहने वाली 11 वर्षीय यागिनी चौहान बाल आरक्षक के रूप में आमद देने खंडवा पुलिस लाइन अपने मामा के साथ आई। उसने पिता ओमप्रकाश चौहान की तरह कुर्सी पर बैठकर कार्य भाल संभाला। इस दौरान यागिनी को पूरे कार्यालय का दौरा भी करवाया।

यागिनी जब कुर्सी पर बैठी और ऑफिस देख रही थी तो उसकी आंखों से आंसू छलक गए। यह देख बच्ची को विश्नोई ने उसके सिर पर हाथ रखकर उसे मोटिवेट किया। यागिनी पिता को याद करते हुए बस यही बोल पाई कि मेरे पापा भी ऐसे ही काम करते थे न अंकल। उसकी यह बात सुन आरआई का भी गला रूंध हो गया।

पुलिसकर्मी के रुप में यागिनी चौहान ने संभाली ड्यूटी।

पुलिसकर्मी के रुप में यागिनी चौहान ने संभाली ड्यूटी।

नाना-नानी के घर रहकर पढ़ेगी, मिलेगा आरक्षक का वेतन

आरआई ने बताया जब यागिनी दफ्तर आई तो मैंने उसे एक अधिकारी की तरह ट्रीट किया। जिससे उसके मन में पुलिस की छवि अच्छी बने और वह बड़ी होकर पुलिस अधिकारी बनने की ठाने। वह जब तक बालिग नहीं होगी नाना-नानी के घर रहकर पढ़ाई करेगी और फिर 18 साल की उम्र पूरी होने पर आरक्षक के रूप में सेवा देगी। तब तक उसे आरक्षक का वेतन मिलेगा।

पिता नोटिस तामील करने गए तो नहीं लौटे, मां को कोरोना लील गया

यागिनी पांचवीं की छात्रा है। फिलहाल वह हरसूद में नाना शिवप्रसाद काजले के साथ रह रही है। काजले ने बताया कि यागिनी के पिता ओमप्रकाश आरक्षक थे और मूंदी थाने पर उनकी पोस्टिंग थी। वह 2015 में संदलपुर एक नोटिस तामील करवाने गए थे। एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई। 12 अप्रैल 2021 में मां बबीता की कोरोना से मौत हो गई। बबीता शिक्षिका थी।

आरआई पुरुषोत्तम विश्नोई ने यागिनी को चार्ज दिलाया।

आरआई पुरुषोत्तम विश्नोई ने यागिनी को चार्ज दिलाया।

खबरें और भी हैं…

Related posts

मुख्य सचिव पहुंचे परौख राष्ट्रपति के संभावित दौरे का लिया जायजा

asmitakushwaha

गरीबों के बीच पहुंचकर मनाई दिवाली, प्यार और अपनेपन की मिसाल दे गाया त्योहार* पुलिस ने मिठाई खिला कर दिया संदेश।

Ravi Sahu

किसानों को घर बैठे एमपी फार्म गेट एप से उपज बेचने की मिलेगी सुविधा

Ravi Sahu

पानी की विकराल समस्या पर ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

Ravi Sahu

सोयाबीन की बोवनी करने में जुटे किसान अधिकतर किसान खेतों में आ रहे नजर

Ravi Sahu

बाढ से निपटने के लिए समस्त तैयारियां चाक चौबंद रखी जायेः-डॉ0 सदानन्द गुप्ता

Ravi Sahu

Leave a Comment